विद्वानों ने शास्त्र चर्चा की, नए सदस्य बनाए
शहर के छत्रपुरा में रविवार को रघुनाथ ज्योतिष परिषद अनुसंधान केंद्र में बूंदी के विद्वानों की बैठक हुई। अध्यक्षता राष्ट्रीय संत पंडित ज्योतिशंकर शर्मा ने की।

विद्वानों ने शास्त्र चर्चा की, नए सदस्य बनाए
रघुनाथ ज्योतिष परिषद अनुसंधान केंद्र में बूंदी के विद्वानों की बैठक
बूंदी. शहर के छत्रपुरा में रविवार को रघुनाथ ज्योतिष परिषद अनुसंधान केंद्र में बूंदी के विद्वानों की बैठक हुई। अध्यक्षता राष्ट्रीय संत पंडित ज्योतिशंकर शर्मा ने की।
रघुनाथ ज्योतिष परिषद के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्मलीन देवज्ञ पंडित देवी शंकर शर्मा को पुष्पांजलि अर्पित की। विद्वानों ने शास्त्र चर्चा की। पंचकों में शास्त्र अनुसार छत डालना, लकड़ी संग्रह करना, नई चक्की लाना, नया झाड़ू या किसी की मृत्यु होने पर उसको जलाना निषेध है। विद्वानों ने बताया कि अगर शवदाह भी किया जाए तो कुशा के चार पुतले बनाकर शव के साथ उन चार पुतलों का भी दाह करना आवश्यक माना गया है। अधिकतर शादी विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य पंचक शुभ माने गए हैं, धनिष्ठा नक्षत्र से रेवती नक्षत्र तक पंचक माने जाते हैं।
इसी के साथ दो त्योहार, दो एकादशी पर भी विस्तृत शास्त्रोक्त चर्चा की। बैठक में ज्योतिष परिषद का विस्तार किया गया, जिसमें पंडित जितेंद्र गौतम दर्शन शास्त्री को कोषाध्यक्ष, पंडित गिरिराज शृंगी को संगठन मंत्री, उपाध्यक्ष आचार्य विष्णु कलवाडिय़ा, धर्माधिकारी आचार्य ब्रह्मदत्त गौतम आदि के साथ अन्य भी नए सदस्य बनाए गए। प्रवक्ता कथा व्यास ऋतुराज शर्मा ने बताया कि समय-समय पर आगे भी सनातन धर्म रक्षार्थ बैठके सुचारू रहेंगी।
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