बूंदी

‘छोटीकाशी’ में गायक मोहित की जादुई आवाज का बिखरा जलवा

खेल संकुल में बूंदी उत्सव के 25वें रजत जयंती महोत्सव का समापन शनिवार को पाŸव गायक मोहित चौहान के तरानों के बीच हुआ

बूंदीNov 30, 2019 / 11:12 pm

पंकज जोशी

‘छोटीकाशी’ में गायक मोहित की जादुई आवाज का बिखरा जलवा

बूंदी. खेल संकुल में बूंदी उत्सव के 25वें रजत जयंती महोत्सव का समापन शनिवार को पाŸव गायक मोहित चौहान के तरानों के बीच हुआ। एक से बढकऱ एक बेहतरीन फिल्मी गीतों की प्रस्तुति ने हर किसी को झूमने पर मजबूर कर दिया। वीआइपी हो या आम हर कोई मोहित के गाने को गुनगुनाता हुआ नजर आया। शनिवार की शाम फिल्मी तरानों और झूमते युवाओं की मस्ती के बीच निकली। यहां प्रस्तुति देने आए पाŸव गायक मोहित ने हर किसी को गीतों पर झूमने पर मजबूर कर दिया। मोहित ने युवाओं की पंसद के सिलसिलेवार गीत गाना शुरू किया तो दर्शक दीर्घा में बैठी युवाओं की टोली उठकर थिरकने लगी। उन्होंने कई फिल्मी गीतों की प्रस्तुति देकर माहौल का रंग बदल दिया। पाŸव गायक ने ‘‘ये दूरियां इन राहों की निगाहों की दूरिया…’,‘‘ओ मेरे दिल के चैन, चैन आए मेरे दिल को दुआ..’,‘‘पी लू तेरे नीले नीले नैनों की शबनम पी लू…’,‘‘डूबा-डूबा रहता हूं दिवाना बन गया तेरा…’,की प्रस्तुति दी तो दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने जमकर तालियां बजाई। बाद में ‘जानू तेरी जाना मैं तुझ पे कुर्बाना…’,‘बचना है हसीनों लो मे आ गया…’, ‘नादां परिंदे घर आ जा ओ…,’सुनाया तो माहौल पूरी तरह से बदल गया। मोहित ने कार्यक्रम के दौरान गायक ए. आर. रहमान का ‘‘ऐ मसक कली ऊरू मटक कली…’ गाना सुनाकर समां बांध दिया।

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