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सोसायटी के नियमों को ताक में रखकर किराये दी दुकाने, फूटा रोष

locationबूंदीPublished: Jan 28, 2022 05:13:52 pm

Submitted by:

Narendra Agarwal

रेडक्रॉस सोसायटी के नियमों को ताक में रखकर दुकानों को किराए पर देने के मामले में अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल सोसायटी की अध्यक्ष और जिला कलक्टर से मिला।

सोसायटी के नियमों को ताक में रखकर किराये दी दुकाने, फूटा रोष

सोसायटी के नियमों को ताक में रखकर किराये दी दुकाने, फूटा रोष

बूंदी. रेडक्रॉस सोसायटी के नियमों को ताक में रखकर दुकानों को किराए पर देने के मामले में अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल सोसायटी की अध्यक्ष और जिला कलक्टर से मिला। उन्हें पत्र सौंपा जिसमें भोजनालय के आरक्षित दुकान नियम विरुद्ध किराए पर देने की शिकायत की।
अधिवक्ता नीरज शर्मा, हरीश गुप्ता, मनोज गौतम, औराक नय्यर, दिलीप सिंह, जितेन्द्र सिंह, पवन मलिक एवं अविनाश गौतम ने जिला कलक्टर को सौंपे पत्र में बताया कि कलक्ट्रेट और न्यायालय के सामने स्थित रेडक्रॉस सोसायटी के भवन की दुकानों के निर्माण के समय यह निर्धारित किया था कि दो दुकानें भोजनालय के लिए आरक्षित रहेंगी, ताकि कलक्ट्रेट और न्यायालय में आने वाले दूर-दराज के लोगों को भोजन सुलभ तरीके से उपलब्ध हो जाए। इसी क्रम में रेडक्रॉस की दो दुकानों में भोजनालय चला। भोजनालय के संचालन करने वाले ने पहले बिना किसी प्रक्रिया को अपनाए सीधे ही दुकानों को अन्य व्यक्ति को उपयोग के लिए दे दी। इसके बाद अब रेडक्रॉस सोसायटी ने भी इन दुकानों को किराए पर अन्य को उपयोग के लिए दे दिया। भोजनालय के लिए कोई दुकान नहीं रखी गई। इससे यहां कलक्ट्रेट, न्यायालय में आने वाले पक्षकार एवं अन्य और चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के परिजनों को भोजन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
अधिवक्ताओं ने बताया कि इस बारे में रेडक्रॉस सोसायटी के अन्य पदाधिकारियों को मौखिक रूप से शिकायत की, लेकिन जिला प्रशासन को गलत जानकारी देते हुए अंधेरे में रखा गया। अधिवक्ताओं ने इसे समिति से जुड़े लोगों की मनमानी बताया। उन्होंने जिला कलक्टर से संज्ञान लेकर अविलंब भोजनालय के लिए दो दुकानों को आरक्षित कराने की मांग की। साथ ही भवन परिसर में बने कक्षों का उपयोग चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के परिवारजनों के लिए कराए जाने की मांग रखी। इधर, जिला कलक्टर ने अधिवक्ताओं को पूरे मामले को गंभीरता से लिए जाने और भोजनालय शुरू कराने का भरोसा दिया।

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