500 वर्ष पुराना मंदिर
समाजसेवी सत्यनारायण शृंगी ने बताया कि लालबाई-फूलबाई माताजी का मंदिर 500 वर्ष से भी अधिक पुराना है। 20 वर्ष से अष्टमी के दिन हर वर्ष एक दिवसीय मेले का आयोजन होता है। जिसमें डसिया काटी जाती है। मेले की शुरुआत 1990 में राम नारायण माली, सागरमल, गिरधारी पटेल, देवीराम मीणा, भैरुलाल मेघवाल व भैरूलाल मेहर ने की थी। जिसमें दूरदराज के शहरों से श्रद्धालु आते हैं। गांव में 200 वर्ष पुराना गोस्वामी समाज का मठ है। जिसमें माताजी व शंकर भगवान की मूर्ति स्थापित है।
हर तीसरे घर का सदस्य शिक्षक
मोहन लाल प्रजापति ने बताया कि सुवासा गांव की पहचान बूंदी जिले में शिक्षकों की नगरी के नाम से है। यहां हर तीसरे घर का सदस्य सरकारी शिक्षक हैं। गांव की बेटी अभिशंषा गुप्ता ने व्याख्याता भर्ती में महिला वर्ग में राजस्थान में प्रथम स्थान प्राप्त कर गांव का नाम रोशन किया। 5000 की आबादी व 700 घरों वाले इस छोटे से गांव में 200 से अधिक शिक्षक राजकीय सेवा में सेवारत है। एक ही परिवार के 14 सदस्य सरकारी शिक्षक पद पर कार्यरत हैं। सुवासा निवासी ओम प्रकाश गुप्ता व उसके परिवार के सदस्य शिक्षक हैं। गांव के दो युवक सुरेश मीणा नेवी में व श्याम शर्मा ऑस्ट्रेलिया में, एक युवती चयनिका पुरी विदेश में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इसके अलावा भी अन्य सरकारी विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। साक्षरता की दर 90 प्रतिशत रखने वाले इस गांव में पढ़ाई का बहुत अच्छा माहौल है। यहां के सीनियर हायर सैकेंडरी स्कूल से 1957 में मोडू लाल मीणा बूंदी व पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा, नरेंद्र पुरी तालेड़ा में उप प्रधान पढ़ाई कर आगे बढ़े हैं।
जमीन भी उपजाऊ
समाजसेवी पटेल द्वारका लाल खन्ना ने बताया केशवरायपाटन व तालेड़ा के बीच स्थित चंबल कमांड एरिया व नहरी क्षेत्र होने से यहां की जमीन भी काफी उपजाऊ है। सुवासा क्षेत्र में 10 हजार बीघा का रकबा है। जिसमें किसान गेहूं, धान, सोयाबीन, मक्का, उड़द, मूंग की फसल करते हैं। माली समाज के लोग सब्जियों की फसल करते हैं। गांव में 50 बीघा जमीन में अमरूदों का बाग है। जिनकी अपनी अलग पहचान है। यहां के अमरूद जिले से बाहर बिकने जाते हैं। 20 साल पहले 5000 बीघा में गन्ने की फसल हुआ करती थी, लेकिन चीनी मिल बंद होने से किसानों ने गन्ने की फसल करना बंद कर दिया।
पहला कचरा प्लांट सुवास में बना
सुवासा सरपंच प्रियंका पुरी ने बताया कि पंचायत में 11 वार्ड हैं। सभी वार्ड में सीमेंटेड सडक़ें बनी हुई है। 2014 में राजस्थान का पहला कचरा प्लांट सुवासा में बना है। जिसे देखने के लिए कई बार बाहर राज्य से टीमें आई। मुक्तिधाम सीमेंटेड है, जिनके ऊपर टीनशेड हो रहे हैं। गांव में सामुदायिक भवन भी बना हुआ है। गांव में मीठा पानी के लिए सरकार के द्वारा हनुमान मंदिर पर आरओ प्लांट लगा हुआ है। गांव में 2 लाख 20 हजार लीटर की स्वजलधारा योजना में पानी की टंकी बनी हुई है। जिससे गांव के सभी घरों में रोजाना पानी की सप्लाई होती है।