बूंदीPublished: Nov 24, 2020 06:48:09 pm
पंकज जोशी
लाखेरी. कस्बे के रेल्वे स्टेशन मार्ग पर स्थित राजस्थान आवासन मंडल की घरौंदा आवासीय योजना 10 वर्ष बाद आबाद होने लगी है। कॉलोनी में करीब दो तिहाई मकान बिक चुके है।
दस वर्ष बाद आबाद होगी आवासीय कॉलोनी
दस वर्ष बाद आबाद होगी आवासीय कॉलोनी
राजस्थान आवासन मंडल की घरौंदा आवासीय योजना
लाखेरी. कस्बे के रेल्वे स्टेशन मार्ग पर स्थित राजस्थान आवासन मंडल की घरौंदा आवासीय योजना 10 वर्ष बाद आबाद होने लगी है। कॉलोनी में करीब दो तिहाई मकान बिक चुके है।
जानकारी के अनुसार मेगा हाईवे व रेल्वे स्टेशन के बीच करीब 150 बीघा में बसी कॉलोनी में इन दिनों सभी ब्लाकों में निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। मकान खरीद चुके लोगअपने अपने मकानों की सार संभाल लेकर जरूरत के मुताबिक निर्माण कार्य करवा रहे है। दो दर्जन से अधिक लोग तो अपने घरों में रहने भी लग गए है। जानकारी के अनुसार आवासन मंडल की कॉलोनी में 401 मकान का निर्माण हुुआ था। जिसमें 248 मकान बिक चुके है। एचआईजी , एमआईजी ए एवं बी,एलआईजी, श्रेणी के अधिकांश मकान बिक चुके है इडबल्यूएस , घरौंदा व एलआईजी श्रेणी के मकान अभी बिकने बाकी है, हालांकि इनमें भी कुछ मकान बिक चुके है पर उनकी मात्रा कम है। मंडन द्वारा 25 प्रतिशत छूट के साथ बेचे जा रहे इन मकानों को लेकर जरूरतमंदों का रूझान बढ़ रहा है जिससे लोग ऑनलाइन बिड में 10से 15 प्रतिशत छूट में ही मकान खरीद रहे है यही गति रही तो एक -दो माह में समस्त मकान बिक जाएंगे और कॉलोनी आबाद हो जाएगी।
10 वर्ष बाद आई बहार
राजस्थान आवासन मंडल की कॉलोनी निर्माण को लेकर 2006 में भूमि अवाप्त की गई थी और कॉलोनी निर्माण का कार्य सुस्त रफ्तार से चलता रहा। 2009-10 में मकान निर्माण शुरू हुआ और मंडल ने आवंटन के लिए फार्म भरवाने शुरू किए । लोगों ने फार्म भी भर दिए । जब आवंटन लेटर आए और मकान महंगे नजर आए तो लोगों ने अपने पैसे वापस ले लिए । लॉकडाउन केबाद आवासन मंडल ने 25 प्रतिशत छूट के साथ मकानों को बेचना शुरू किया तो मकान धीरे धीरे कर बिकना शुरू हुए और दो माह की अल्प अवधि में ही 200 से अधिक मकान बिक गए। जिनमें 193 मकानों के कब्जे क्रेता को मंडल द्वारा संभलाए जा चुके है।
यह कहना हैं इनका
आवासन मंडल के आवासीय अभियंता आरके जैन ने बताया कि लाखेरी स्थित कॉलोनी में मकान तेज गति से बिक रहे है। आगामी 1-2 माह में बचे 153 मकान भी बिक जाएगे। संपूर्ण मकान बिकने के बाद और मांग आने पर मकानों का निर्माण करवाया जाएगा।