गांव के नाम में तालाब, लेकिन पानी को तरस रहे ग्रामीण
बरड़ क्षेत्र की धनेश्वर पंचायत के गांव रोजा का तालाब के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। यह गांव मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के दायरे में आता है।

गांव के नाम में तालाब, लेकिन पानी को तरस रहे ग्रामीण
पेयजल संकट : मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के दायरे में है गांव
डाबी. बरड़ क्षेत्र की धनेश्वर पंचायत के गांव रोजा का तालाब के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। यह गांव मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के दायरे में आता है। 25 से 30 घरों की बस्ती में लगभग 250 लोग निवास करते हैं। गांव में पानी की सुविधा के नाम एक बोरवेल व एक हैण्डपम्प है। हैण्डपम्प पूरी तरह जवाब दे चुका है। वहीं बोरवेल में पानी का लेवल कम होने से अब मात्र 10 मिनट में पानी छोड़ देता है। ऐसे में कुछ घंटो के अंतराल में चला कर अपने व मवेशियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बोरवेल के पास एक खेळ बना रखी है।
जिसमें 300 से ज्यादा मवेशी पानी पीते है व रात को जंगली जीव भी पानी पीने आते हैं। इनके लिए ग्रामीणों ने 4 साल पहले घोषणा करवा कर एक हैण्डपम्प लगवाया था। जिसकी गहराई ज्यादा होने के कारण वह सफल नहीं हो सका। ग्रामीणों ने इस बोरवेल में अपने खर्चे पर ही जनरेटर व सबमर्सिबल मोटर लगा कर पानी की व्यवस्था करवा रखी है। जनरेटर के डीजल का खर्चा भी ग्रामीण ही वहन करते हैं।
बढ़ते गर्मी के मौसम में ग्रामीण व मवेशी सभी एकमात्र बोरवेल के भरोसे ही है।
ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधि भी चुनाव के समय यहां सोलर प्लांट लगाने का वादा कर अब भूल चुके हंै। सरपंच भी वन भूमि का हवाला देते हुए दूरी बना लेता है। ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले या वन क्षेत्र की भूमि से उन्हें धनेश्वर के आस पास विस्थापित किया जाए।
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