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बांध की पाल तक जाने के लिए नहीं कोई रास्ता

locationबूंदीPublished: Sep 23, 2021 06:58:17 pm

जिले के गुढ़ा बांध तक गांव से जाने का रास्ता नहीं होने से जल संसाधन विभाग के अधिकारी सहित अन्य लोग भी पशोपेश में रहते हैं। यहां पर बांध के गेट छोडऩे के बाद ही आगे के भाग में पानी भर जाता है।

बांध की पाल तक जाने के लिए नहीं कोई रास्ता

बांध की पाल तक जाने के लिए नहीं कोई रास्ता

बांध की पाल तक जाने के लिए नहीं कोई रास्ता
गेटों से पैदल ही निकलना पड़ रहा
हिण्डोली. जिले के गुढ़ा बांध तक गांव से जाने का रास्ता नहीं होने से जल संसाधन विभाग के अधिकारी सहित अन्य लोग भी पशोपेश में रहते हैं। यहां पर बांध के गेट छोडऩे के बाद ही आगे के भाग में पानी भर जाता है।
इससे यह रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। जानकारी के अनुसार आजादी के बाद सबसे बड़े कच्चे बांध में एक गुढ़ा बांध का निर्माण करवाया गया था। बांध में जाने के लिए मुख्य गुढ़ा बांध गांव से सर्किट हाउस के पास से होते हुए नहर से सीधा बांध पर पगडंडी का रास्ता था। बांध में पानी कम होने पर वहां पर पगडंडी से वाहन बांध की पाल तक पहुंचते हैं, लेकिन पानी भरने के बाद यह रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है।
हैरत की बात यह है कि किसी समय बांध को तकनीकी गड़बड़ हो जाए ऐसे में गुढ़ा बांध गांव से बांध की पाल पर सामग्री पहुंचाने में काफी परेशानी आ सकती है। बांध की पाल पर दूसरा रास्ता चतरगंज से होते सीधे बायीं मुख्य नहर की पाल पर मिलता है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को चतरगंज से रघुनाथपुरा टहला होते हुए एलएमसी से होकर जाना पड़ता हैं, लेकिन टहला से आगे भी रास्ता काफी खराब है। ऐसे में वहां पर भी वाहनों की आवाजाही में काफी परेशानी रहती हैं।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बांध निर्माण के साथ यहां पर बांध की पाल तक पहुंचने के लिए ओवर ब्रिज का निर्माण होना चाहिए, ताकि यहां पर किसी भी समय वाहनों की आवाजाही में परेशानी नहीं हो, लेकिन अधिकारी भी यहां पर गेट से पैदल ही बांध की पाल तक जाते है । वाहनों को सर्किट हाउस पर खड़ा कर दिया जाता है। सूत्रों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को ड्रिप योजना के अंतर्गत लिया है।
गुढा बांध गांव से गुढ़ा बांध की पाल तक जाने का रास्ता नहीं है। यहां पर जाने के लिए गेट से पैदल ही जाया जाता है। दूसरा रास्ता चतरगंज से टहला होते हुए है जो सीधा पाल को जोड़ता है। ड्रिप योजना के तहत यदि स्वीकृति मिली तो बांध जीरो लेवल से बांध के पास तक ब्रिज निर्माण कार्य हो सकता है।
जंबु जैन, सहायक अभियंता जल संसाधन विभाग हिण्डोली।

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