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बूंदी

जहां जाने में लगता था डर, उसे कर दिया चमन

हिण्डोली. कस्बे में स्थित चील घाटी बालाजी जहां लोग जाने में भय खाते थे। वहां बालाजी विकास समिति ने मेहनत कर स्थान को चमन कर दिया है।

बूंदीSep 26, 2020 / 07:47 pm

पंकज जोशी

जहां जाने में लगता था डर, उसे कर दिया चमन

जहां जाने में लगता था डर, उसे कर दिया चमन

जहां जाने में लगता था डर, उसे कर दिया चमन
कस्बे के चील घाटी बालाजी परिसर आच्छादित हैं हरियाली से
हिण्डोली. कस्बे में स्थित चील घाटी बालाजी जहां लोग जाने में भय खाते थे। वहां बालाजी विकास समिति ने मेहनत कर स्थान को चमन कर दिया है।
कस्बे व आसपास के लोग प्रतिदिन यहां पर घूमने व दर्शन करने आते हैं। जानकारी के अनुसार दो दशक पहले कस्बे के गढ़ के नीचे व पटवार घर के पास चील घाटी बालाजी का मंदिर था। यहां से सीधा रास्ता त्रिवेणी चौक से भी आता था, लेकिन घाटी का आकार चील जैसा होने से यह जगह डरावनी लगती थी।
कस्बे के एक दर्जन लोगों ने चील घाटी बालाजी विकास समिति बनाकर इसे सुंदर बनाने का बीड़ा उठाया। बालाजी विकास समिति ने यहां पर चारदीवारी का निर्माण करवा कर मंदिर परिसर और पहाडिय़ों पर पेड़-पौधे लगाए। मंदिर के आसपास बगीचा विकसित किया। अब यहां की सुंदरता लोगों को चील घाटी बालाजी परिसर में आने के लिए आकर्षित करती हैं।
शीतला माता मंदिर है आकर्षण
बालाजी परिसर में पहाड़ी पर स्थित शीतला माता मंदिर आकर्षण का केंद्र है। यहां पर काफी ऊंचाई पर स्थित मंदिर में महिलाएं शीतला माता के दर्शन करने जाती हैं। समिति के भगवान सिंह हाड़ा का कहना है कि श्रमदान व सहयोग से यह काम हो सका। चीलघाटी बालाजी वर्षों से आस्था का केंद्र है। कस्बे सहित जिले के कई स्थानों से शनिवार को बालाजी के दर्शन करने आते हैं।

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