कापरेन. केशवरायपाटन. खरीफ की फसल में अतिव्रष्टि की मार झेल चुके किसान आगामी रबी की फसल को समय पर बेहतर उत्पादन के लिए अपने खेतों को खाली करने जुट गए। रबी की फसल के लिए किसानों को समय पर निर्बाध रूप से नहरी पानी उपलब्ध हो सके इसके लिए सीएडी प्रशासन भी नहरों में जल प्रवाह से पूर्व नहरों की साफ-सफाई एवं क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवारों की मरम्मत में जुट हुआ है।
जिससे जल प्रवाह के दौरान टेल क्षेत्र के अंतिम छोर तक किसानों को खेतों में रेलना करने एवं बाद में फसलों की सिंचाई में समस्या का सामना नहीं करना पड़े। क्षेत्र से गुजर रही केपाटन एवं कापरेन ब्रांच की दोनों मुख्य नहरों सहित इनसे जुड़ी वितरिकाओं एवं डिस्ट्रीब्यूटरी में सीएडी प्रशासन ने नरेगा के माध्यम से जंगल सफाई का कार्य शुरू कर दिया, लेकिन इससे यहां बेहतर परिणाम आते नहीं दिख रहे।?पिछले दिनों तेज बारिश के बाद क्षतिग्रस्त हुई मुख्य नहरों की सुरक्षा दीवारों पर मिट्टे डालने का काम कराया जा रहा है, लेकिन मुख्य ब्रांचों सहित वितरिकाओं के अंतिम छोर में मरम्मत का काम अभी नहीं हो पाया।?
जिससे जल प्रवाह के दौरान नहरी पानी के व्यर्थ बहने एवं अंतिम छोर तक समय पर पानी पहुंचाने में संकट झेलना पड़ेगा। क्षेत्र के कोडक्या गांव के समीप अभी भी केपाटन ब्रांच मुख्य नहर की सुरक्षा दीवार ठीक नहीं हुई। सीएडी ने मिट्टी के कट्टे रखवाकर खानापूर्ति पूरी कर ली। किसानों की माने तो अब तक नहरों एवं वितरिकाओं की सफाई का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया। न ही क्षतिग्रस्त स्थानों पर मरम्मत कार्य पूर्ण हो पाया।?
आजन्दा निवासी किसान सत्यनारायण मीणा, जुगराज सिंह, देहीखेड़ा निवासी अशोक मीणा ने बताया कि समय पर पानी नहीं पहुंचने से टेल क्षेत्र के किसानों को हर बार डीजल इंजन लगाकर निजी साधनों से रेलना करना पड़ता हैं। वही बाद में भी फसलों की सिंचाई के समय काफी देर से पानी पहुंच पाता है।