बिखरा पड़ा है छतरियों का मलबा
चंबल के तेज भाव से पानी के साथ उखड़ कर टुकड़े-टुकड़े हुई छतरियों को देखने के लिए कोई भी सक्षम अधिकारी नहीं आया तो नगर पालिका प्रशासन ने टुकड़ों में बदले छतरियों के पत्थरों को इक_ा करवा कर एक तरफ ढेर करवाया गया। जहां ढेर करवाया गया, वहां से भी पत्थर चोरी चले गए। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी मनोज मालव ने बताया कि वर्ष 2019 में कार्तिक मेले के अवसर पर छतरियों का मलबा उठाने के लिए ठेकेदार से संपर्क किया था, लेकिन वह नहीं आया तो नगर पालिका को ही पत्थरों को इक_ा करवाना पड़ा। जिसके बाद कोई भी विभागीय अधिकारी यहां नहीं आया। अब यह पत्थर भी धीरे-धीरे गायब होने लग गए हैं।
एक करोड़ के काम वह भी अधूरे
पौराणिक केशव धाम एवं चंबल नदी के सौंदर्यीकरण के लिए स्वीकृत हुए चार करोड़ 77 लाख में से ठेकेदार ने 1 करोड़ रुपए खर्च किए, जिनका कोई लाभ नहीं मिल पाया। वर्ष 2019 में ठेकेदार ने इस बजट में धर्मशाला, बरामदा, छतरियों को प्राथमिकता दी, जो काम सबसे अंत में होना था, वह काम सबसे पहले किया गया। जिसे भी आधा अधूरा छोड़ रखा है।