सत्संग से जिलेभर के धर्मप्रेमी जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि कोरोना ने मानव को रोजमर्रा की जिंदगी में निस्वार्थ भाव से एक-दूसरे पर विश्वास करना सिखाया। हम सभी के अंदर इस परमात्मा को देखते हुए एक-दूसरे का सत्कार करें। परमात्मा को जानकर उस पर विश्वास करने से आनंद की अवस्था प्राप्त होगी। यदि इस सामाजिक रूप में देखे तो केवल सह-अस्तित्व ही नहीं शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व के भाव से जिये, परमात्मा ने हमें जो प्राकृतिक स्रोत दिये उनका हम सदुपयोग करें।
महेश चांदवानी ने बताया कि समागम स्थल पर संत निरंकारी मंडल एवं केन्द्रीय योजना और सलाहकार बोर्ड के वरिष्ठ सदस्यों ने स्वागत किया। सत्संग का आयोजन सोमवार को भी होगा। समागम के तीनों दिन सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के प्रवचन रात नौ से साढ़े नौ बजे के मध्य होंगे।
कार्यकारिणी समिति के सदस्यों केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्यों मंडल के विभिन्न विभागों के समन्वयकों एवं मिशन के सेशन मीनार संतों की ओर से एक फूलों से सुसज्जित खुले वाहन (पालकी) में सत्गुरु को मुख्य मंच तक ले जाया गया। समागम के दूसरे दिन सेवादल रैली का आयोजन किया गया। उसके बाद में शाम पांच से 9.30 बजे तक सत्संग किया गया। समूचे देश से जुड़े लोग सत्संग का खूब आनंद लेते हुए आध्यात्म को प्राप्त कर रहे हैं।