वादे पूरे न करने पर हो मामला दर्ज अग्रवाल ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ तब राजनीति के आगे स्वच्छता की जरूरत नहीं थी। योग्यता का आधार ही राजनीति का आधार होना चाहिए। राजनीतिक पार्टियां जो घोषणा पत्र जारी करती हैं उनको पूर्ण नहीं करने पर उनके विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज होना चाहिए। जनता के साथ झूठा वादा भी धोखाधड़ी में आता है। अभिभाषक परिषद के महासचिव प्रवीण चित्तौड़ा ने कहा कि अनपढ़ लोग राजनीति में आएंगे तो स्वच्छ राजनीति कहां मिलेगी। अच्छे लोगों को आगे आना होगा। दिनेश सिंह हाड़ा ने कहा कि घोषणा पत्र जारी करने पर रोक लेगे। झूठे घोषणा पत्र जारी कर मतदाताओं को गुमराह किया जाता है। हफीज मोहम्मद ने कहा कि प्रेस अपनी भूमिका सहीं तरिके से निभाए। जनता की आवाज प्रेस वाले नहीं दिखाते हैं। बृजमोहन गौतम ने कहा कि कार्यपालिका, न्यापालिका, विधायिका व प्रेस जब निष्पक्ष हो जाएगी तब व्यवस्था सुधर जाएगी। ऐसा कानून बने की टिकिट देते समय उसकी पृष्ट भूमि देखी जाए। उसकी समाज में छवि कैसी है सब देखा जावे। अजय जैन ने कहा कि धन बल राजनीति से गायब हो तब ही स्वच्छ राजनीति संभव है। आपराधिक पृष्टभूमि वाले लोगों को टिकिट नहीं मिले। राममचरण मालव ने कहा कि जब तक सोच नहीं बदलेगी तब तक व्यवस्था नहीं बदल सकती। पहले सभी सोच बदले जब ही चेंजमेकर्स बन सकते हैं। हफज शेख ने कहा कि राजनीति में बाहुबलियों को हटाना होगा। भ्रष्टाचार मूल जड़ है। प्रेस जनता की आवाज बने, अब तक यह नेताओं की आवाज बनी हुई है। संगोष्ठी में जफरशरीफ, गणेश शर्मा, विजयराज मीणा, वीरेन्द्र केवट, ताहिर हुसैन, हजारीलाल ने भी भाग लिया।