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कक्षा-कक्ष में शिक्षक व छात्र के मोबाइल की घंटी बजी तो खैर नहीं

सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों व शिक्षकों के मोबाइल फोन ले जाने पर लगी रोक का असर दिखने लग गया।हालांकि अभी कुछ स्कूलों के शिक्षकों पर आदेश का असर नहीं हुआ।

बूंदीOct 14, 2019 / 12:18 pm

Narendra Agarwal

कक्षा-कक्ष में शिक्षक व छात्र के मोबाइल की घंटी बजी तो खैर नहीं

कक्षा-कक्ष में शिक्षक व छात्र के मोबाइल की घंटी बजी तो खैर नहीं

बूंदी. सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों व शिक्षकों के मोबाइल फोन ले जाने पर लगी रोक का असर दिखने लग गया।हालांकि अभी कुछ स्कूलों के शिक्षकों पर आदेश का असर नहीं हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने बच्चों के स्कूलों में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही शिक्षक भी स्टाफ रूम एवं प्रधानाचार्य कार्यालय में ही जरूरत होने पर मोबाइल का उपयोग कर सकेंगे। इस संंबंध मेंं माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने गाइडलाइन जारी कर दी। आदेश में स्पष्ट बताया गया कि विद्यार्थियों की ओर से मोबाइल के दुरुपयोग एवं उन पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव से बचाव के लिए शिक्षण संस्थाओं में मोबाइल के उपयोग संबंधित आचार संहिता की छात्रों और स्टाफ को पालना करनी होगी। सिर्फ प्रधानाचार्य को ही तत्काल सूचनाओं का आदान- प्रदान के उद्देश्य से मोबाइल के उपयोग पर छूट दी गई। लेकिन उसमें भी वह विद्यार्थियों के सामने मर्यादित ढंग से बात और कम उपयोग कर पाएंगे। स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध को लेकर पहले भी कई बार आदेश जारी किए जा चुके, लेकिन उनकी पालना नहीं हो सकी।

प्रार्थना सभा से पहले कराना होगा जमा
आदेश के अनुसार प्रार्थना सभा, बालसभा, शिक्षक-अभिभावक परिषद की बैठक तथा कक्षा-कक्षों में मोबाइल फोन के उपयोग पर शिक्षक व विद्यार्थियों का पूर्णत:प्रतिबंध रहेगा। शिक्षकों को अपना मोबाइल फोन प्रार्थना सभा से पहले ही प्रधानाचार्य कक्ष, स्टाफ रूम कार्यालय में सुरक्षित स्थान पर अपना जमा कराना होगा। आवश्यक होने पर वहां जाकर बात कर सकेंगे, लेकिन पढ़ाते समय सह-शैक्षणिक गतिविधियों एवं गतिविधियों के दौरान मोबाइल का उपयोग शिक्षक नहीं कर पाएंगे। प्रधानाचार्य मोबाइल का उपयोग जरूरी सूचनाएं भेजने के लिए कर सकेंगे।

मर्यादित करें प्रयोग, शिक्षक बच्चों का रोल मॉडल
इस संबंध में पहले भी शिक्षकों के विद्यालय में मोबाइल उपयोग पर सख्ती के आदेश जारी करने पर विरोध हुए थे। इस बार शिक्षकों को बच्चों का रोल मॉडल बताते हुए कहा कि बच्चे शिक्षक के दैनिक जीवन का अनुसरण करते हैं। ऐसे में उन्हें विद्यालय में मोबाइल का मर्यादित प्रयोग ही करना चाहिए।

‘निदेशालय की ओर से आदेश मिलते ही संस्था प्रधानों को अवगत करा दिया।बच्चे स्कूलों में मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे। शिक्षकों को भी प्रार्थना सभा से पहले मोबाइल जमा कराना होगा, जरूरी काम होने पर बात कर सकेंगे।’
तेजकंवर, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक), बूंदी

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