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इसके लिए अलग से रजिस्टर रखा जाएगा। जिसमें शिक्षक आईसीटी लैब में कम्प्यूटर के माध्यम से पढ़ाने के बाद संस्था प्रधान से सत्यापित करवाकर रमसा कार्यालय को भिजवाना जरूरी होगा। आईसीटी लैब में क्लास के दौरान स्टूडेंट्स को एजुकेशनल वीडियो के माध्यम से सब्जेक्ट की जानकारी दी जाएगी। यह भी पढ़ें
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पहले इन स्कूलों में गणित व विज्ञान विषय ही कम्प्यूटर से पढ़ाए जाते थे लेकिन सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए अब विषय को कम्प्यूटर से पढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में शिक्षको को आईसीटी लैब की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि कम्प्यूटर सम्बन्धित कोई भी दिक्कतों का सामना नही करना पड़े। चार दिवसीय ट्रेनिंग के माध्यम से करीब १३८ शिक्षको को प्रशिक्षित किया जा रहा है। हर स्कूल से संस्था प्रधान व एक शिक्षक को यह ट्रेनिंग पूरी करनी है। प्रशिक्षण में शिक्षको को पोर्टल कैसे डाउनलोड करें, ९वी क्लास में गणित व साइंस में क्यूआर कोड की जानकारी सहित साफ्टवेयर के बारे में बताया जा रहा है। शिक्षण कार्य में कम्प्यूटर टेक्नॉलोजी को बढ़ावा- स्कूलों में आईसीटी लैब का उपयोग बच्चों को कम्प्यूटर सिखाने तक सीमित नहीं रहेगा। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षण कार्य में कम्प्यूटर टेक्नॉलोजी को भी बढ़ावा देना रहेगा। इसे प्राइवेट स्कूलों की स्मार्ट क्लासेज को टक्कर देने के लिए शुरू किया गया है। नर्सरी से लेकर १२तक बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा मिलेगी। जिससे वास्तविक रूप से अब लैब का उपयोग हो सकेगा। पहले लैब पर ताले लगे रहते थे लेकिन नये सत्र से यह लैब रनिंग में होगी इसके लिए रमसा से पूरी मॉनिटरिंग तय होगी।
सेटेलाइट प्रसारण के माध्यम से लगेगी क्लास- बूंदी जिले में २५ राजकीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में से २०३स्कूलों में आईसीटी कम्प्यूटर लैब स्थापित है। इनमें से ५७स्कूलों में सेटेलाइट प्रसारण की व्यवस्था है। शहरी क्षेत्र में आगामी दिनों में १७ स्कूलों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट व वर्चुअल क्लासेज का संचालन होगा। अब रिकॉर्ड संधारण की अनिवार्यता के बाद आईसीटी लैब वाले स्कूलों में स्टूडेंट्स को फायदा होगा। सेटेलाइट प्रसारण वाले स्कूलों में सेटेलाइट के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा।
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