scriptआधे शहर में हुई दूषित जलापूर्ति | Contaminated water supply in half city | Patrika News

आधे शहर में हुई दूषित जलापूर्ति

locationबूंदीPublished: Sep 20, 2018 03:50:45 pm

Submitted by:

Devendra

मांगली पम्प हाउस से बुधवार बूंदी शहर में सुबह की गई जलापूर्ति के दौरान दूषित पानी आने से लोग परेशान रहे।

Contaminated water supply in half city

आधे शहर में हुई दूषित जलापूर्ति

बूंदी. रामगंजबालाजी. मांगली पम्प हाउस से बुधवार बूंदी शहर में सुबह की गई जलापूर्ति के दौरान दूषित पानी आने से लोग परेशान रहे। जानकारी के अनुसार कोटा चम्बल से जाखमुंड स्थित जल शोधन संयंत्र में पानी फिल्टर होकर मांगली पम्प हाउस पर आता था।
मंगलवार को जाखमूंड से मांगली पम्प हाऊस पर दो मोटरों से पहली बार पानी पहुंचाने से पाइप लाइन की मिट्टी का गंदा पानी मांगली स्थित २० लाख लीटर के टैंक में एकत्रित हो गया। फिर उसी पानी को पम्प हाउस से बिना कुछ किए ही सीधी शहर में जलापूर्ति कर दिया।
शहर में दूषित पानी की आपूर्ति होने पर शहर के लोगों ने इसकी शिकायत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को की। जिस पर विभाग ने जाखमूंड से मांगली, मांगली पम्प हाऊस से शहर तक पाइप लाइन की जांच की गई। उधर, इस मामले को लेकर सहायक अभियंता विवेक शर्मा ने बताया कि यहां से पम्प हाऊस पर पानी फिल्टर करके भेजा जाता है। यहां से दूषित पानी मांगली पम्प हाउस पर नहीं भेजा जाता।
चिकित्सा विभाग की टीम ने पहुंचकर किया घर-घर सर्वे
बूंदी. नैनवां के खेड़ी गांव में बुखार के रोगी पाए जाने की सूचना मिलने पर बुधवार को चिकित्सा टीम पहुंची।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जी.एल. मीणा के निर्देश में पहुंची टीम ने घर-घर सर्वे कर उपचार शुरू किया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि गांव में पहुंची चिकित्सा विभाग की टीम ने चिह्नित रोगियों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की। साथ ही अन्य ग्रामीणजनों को बीमारी से बचने लिए बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी।
गांव में सर्वे के दौरान खांसी-जुकाम के 17, फोडे फुंसी के 7, बुखार के 28 रोगी मिले, जिनकी मौके पर ही रक्त पट्टिकाएं ली गई। इसके अलावा गांव की 7 टंकियों में टेमीफोस एवं 8 गड्ढों में एमएलआ डलवाया।
संभावित बुखार के रोगियों का नि:शुल्क उपचार कर दवाइयां दी गई। सर्वे के दौरान खेडी ग्राम के सरपंच को नालियों के पानी अवरुद्ध होने व सफाई नहीं होने के कारण बीमारी फेलने के बारे में जानकारी दी गई। इसी क्रम में डिप्टी डायरेक्टर कोटा डॉ.एम. पी.सिंह ने अधिकारियों की बैठक भी ली। उन्होंने मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए।
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