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BUNDI : साइबर क्राइम से बचने का गुर पाठशालाओं में सीखेंगे किशोर-किशोरी, पढ़ें कैसे

locationबूंदीPublished: Jan 18, 2022 05:19:50 pm

Submitted by:

Nagesh Sharma

बच्चों के बीच बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों की रोकथाम के लिए शिक्षा विभाग की पहल, प्रारंभिक शिक्षा के 19284 और माध्यमिक शिक्षा के 14961 स्कूलों के लिए तैयार होंगे मास्टर ट्रेनर
 

BUNDI : साइबर क्राइम से बचने का गुर पाठशालाओं में सीखेंगे किशोर-किशोरी, पढ़ें कैसे

BUNDI : साइबर क्राइम से बचने का गुर पाठशालाओं में सीखेंगे किशोर-किशोरी, पढ़ें कैसे

नागेश शर्मा/ गुंजन बाकलीवाल
बूंदी. बढ़ते साइबर क्राइम से बचाव के लिए शिक्षा विभाग अब विद्यार्थियों को जागरूक करेगा। राजस्थान के प्रत्येक स्कूल से एक शिक्षक को ट्रेनिंग देकर साइबर क्राइम एक्सपर्ट बनाया जाएगा। जो स्कूलों में बच्चों को जागरूक करेगा। समग्र शिक्षा विभाग की ओर से किए जा रहे इस नवाचार के तहत प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के 19284 और माध्यमिक शिक्षा के 14961 स्कूलों के शिक्षक प्रशिक्षित होंगे।
बच्चों को सिखाएंगे ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के तरीके
कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को इंटरनेट के जरिए होने वाले साइबर क्राइम से सुरक्षा के तरीके सिखाए जाएंगे। इसमें उपकरणों की सुरक्षा, फोन व ऑनलाइन ठगी से सावधानी, सोशल मीडिया का शिष्टाचार से उपयोग, ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसलिए पड़ी जरूरत
-वर्तमान दौर में विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल देना मजबूरी बन गया।
– बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के बाद इंटरनेट पर व्यस्त रहने लगे।
– विद्यार्थी अज्ञानता के कारण साइबर क्राइम के जाल में फंस जाते हैं।
ऐसे होगी ट्रेनिंग की शुरुआत
स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग 18 जनवरी से शुरू की जाएगी। इन्हें प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए हैं। प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के 19284 एवं माध्यमिक शिक्षा के 14961 स्कूलों में यह ट्रेनिंग दी जाएंगी। इसके लिए प्राथमिक स्कूलों के लिए 385.68 लाख एवं माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों के लिए 292.22 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया।
इन खतरों को समझेंगे स्टूडेंट्स
साइबर गू्रमिंग: हैकर फर्जी अकाउंट बनाकर फंसाते हैं। शोषण के उद्देश्य से लालच देकर विद्यार्थियों से भावनात्मक संबंध बनाते हैं।
साइबर स्टॉकिंग: इलेक्ट्रॉनिक साधनों से किसी पर निगरानी रखना।
गेम्स से नुकसान: इनके साथ स्पै्रम, वायरस डाउनलोड हो जाते हैं जो कम्प्यूटर, मोबाइल फोन को प्रभावित करते हैं।
साइबर बुलिंग: इंटरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके घटिया, तकलीफदेह संदेश या ई-मेल भेजकर परेशान किया जाता है।
यह मिलेगा प्रशिक्षण
– इंटरनेट पर सर्फिंग करते समय आने वाले खतरों से बचाव
– सुरक्षा साधनों तथा बचाव में आने वाली तकनीकों प्रणालियों की संपूर्ण जागरूकता
– सुरक्षा प्रणालियों की जानकारी के साथ-साथ उसकी शिकायत के लिए इस्तेमाल करने वाली विभिन्न जानकारियों को लेकर भी जागरूक किया जाएगा
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इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही है। ऐसे में अब स्कूल के विद्यार्थियों को इसके लिए जागरूक किया जाएगा। साइबर सुरक्षा एवं डिजिटल लर्निंग जागरूकता कार्यक्रम के तहत जिले के शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग देंगे। इसको लेकर तैयारी पूरी हो गई।
-राजेंद्र भारद्वाज, कार्यक्रम अधिकारी, समग्र शिक्षा, बूंदी

मोबाइल फोन देने और इंरनेट चालू रहने से कई बार छात्र-छात्राओं के उचित जानकारी के अभाव में साइबर क्राइम के शिकार होने की शिकायतें सामने आई हैं। इस जाल में फंसे कई विद्यार्थियों ने तो आत्मघाती कदम तक उठाए हैं।
-लोकेश जैन, मास्टर ट्रेनर, बूंदी
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