सूत्रों के अनुसार क्षतिग्रस्त हिस्से पर तीन प्रकार से निर्माण कार्य करने पर विचार चल रहा है। जिसमें सबसे पहले तो मिट्टी से, दूसरा पक्का और तीसरा लोहे के गेट लगाकर निर्माण कार्य करने पर मंथन कर रहे हैं। इसी वजह से ही सीडब्ल्यूसी टीम अभी तक टूटे हुए हिस्से की ड्राइंग कार्य को अंतिम रूप नहीं दे पा रही हैं।
गुढ़ा बांध की नहरों में परियोजना के तहत एक साइड से दूसरी साइड पर निकलने के लिए पुलियाओं का निर्माण भी कराया जाएगा। इससे किसानों को अपने खेतों में पहुंचने में आसानी रहेगी। बांयी मुख्य नहर में 4 पुलियाएं और दांयी मुख्य नहर में 9 पुलियाएं और 8 पुलियाएं माइनरों पर बनेगी। ओलासपुरा केनाल में 10 पुलियाएं तथा 7 पुलियाएं माइनरों में बनेगी।
जिस जगह से बांध टूटा है वहां की ड्राइंग आना अभी बाकी है। क्षतिग्रस्त हिस्से से मिट्टी हटाने का काम शुरू कर दिया है। एक माह में ड्राइंग मिलने की आशा है।
हेमंत शर्मा, अधीक्षण अभियंता, गरड़दा मध्यम सिंचाई परियोजना