नए बने इस टाइगर रिजर्व की नवगठित भोपतपुरा रेंज में भीलवाड़ा व बूंदी जिले के जंगल शामिल है। इसमें बूंदी जिले का भीमलत व मुंदेड़ वन खण्ड तथा भीलवाड़ा जिले के बांका, भोपतपुरा, भड़क्या माताजी, सीता कुंड आदि जंगल आते हैं। भीमलत से बूंदी तक कालदां आदि सदाबहार पहाडिय़ों वाले जंगल बफर जोन में बूंदी वन मंडल डीएफ ओ के अधीन आते हैं। भीमलत झरना भीलवाड़ा के उपरमाल पठारी क्षेत्र से बूंदी के मैदानी भाग में गिरता है। यहां दो वर्ष पूर्व 2 करोड़ की लागत से लव कुश वाटिका बनाने का कार्य शुरू हुआ, जो अब अंतिम चरण में है।
वन विभाग की ओर से यहां करीब 50 लाख के नए काम शुरू करने की प्रक्रिया में है। लव कुश वाटिका में पर्यटकों की सुविधा के लिए इंटरलॉङ्क्षकग पाथ वे, वाच टॉवर व वाटरफॉल व्यू पॉइंट आदि बनाए जाएंगे। इन कामों को कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि अगले महीने काम शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही कोर प्रसाशन ने भी यहां ग्रासलैंड विकसित करने के काम हाथ में लिए है।
फलने फूलने लगे पौधे
भीमलत लव कुश वाटिका में विभिन्न राज्यों के राज्य वृक्ष, पशु पक्षियों के लिए प्राकृतिक भोजन के स्रोत पेड़ पौधे तथा विभिन्न किस्म की वनस्पतियों को लगाया गया है। पौधों के लिए नलकूप व पाइप लाइन से ङ्क्षसचाई की बेहतर व्यवस्था की गई है, जिससे सभी पौधे पेड़ का आकार लेने लगे है। वाटिका में विभिन्न प्रजाति की घास व झाडिय़ां भी कई जीव जंतुओं के लिए महत्वपूर्ण आवास सिद्ध होने लगे हैं। अब पाथ वे बनने से पर्यटकों को
सुविधा होगी।