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Ganesh Festival: सिद्ध योग में कारज सिद्ध करेंगे सिद्धिविनायक…

locationबूंदीPublished: Sep 01, 2018 08:15:43 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

प्रथम पूज्य भगवान गणेश की दस दिवसीय स्थापना पूजन को लोग पूरे साल करते हैं।

बूंदी. प्रथम पूज्य भगवान गणेश की दस दिवसीय स्थापना पूजन को लोग पूरे साल करते हैं। गणेशोत्सव शुरू होने के महीनों पहले से ही लोग तैयारियों में जुट जाते हैं। मूर्तिकार मूर्तियों को बनाने में जुट गए हैं। कई प्रतिमाएं अपने अंतिम रूप में पहुंच चुकी हैं।
वहीं सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार दस दिवसीय गणेशोत्सव 13 सितम्बर से शुरू होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार भगवान गणेश विशेष मुहूर्त व योग में भक्तों के घर पधारेंगे।
ज्योतिषाचार्य अक्षय शास्त्री के अनुसार दस दिन तक चलते वाले गणेश पर्व के लिए विशेष मुहूर्त व समय अवश्य देखा जाता है। क्योंकि भगवान से हर कोई मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान का पूजन करते हैं।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त


इस बार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 12 सितंबर दिन बुधवार को शाम 04:08 से प्रारंभ होगी। जिसका समापन 13 सितंबर दिन गुरुवार को दोपहर 02.52 पर होगा। चूंकि सूर्योदय के साथ यह तिथि रहेगी, इसलिए 13 को ही गणेश चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा।दस दिनों के बाद 23 सितंबर 2018, रविवार को अनंत चतुर्दशी है जिस दिन गणेश विसर्जन किया जाएगा।
गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त


ज्योतिषाचार्य अमित शास्त्री ने बताया कि मध्यकाल में गणेश पूजन का समय – सुबह 11:09 से 01:36 तक। मुहूर्त की अवधि – 2 घंटे 45मिनट। सुबह 11:09 से 01:25 तक वृश्चिक लग्न सर्वश्रेष्ठ ; शुभ सुबह 06:15से 07:47 तक. चर लाभ सुबह 10.51 से 01:30 तक सायकलं शुभ 04:59 से 06.31 तक
चंद्र दर्शन निषेध


ज्योतिषाचार्य गिरधर गौत्तम फोलाई के अुनसार इस दिन यानी गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन निषेध माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करने से मिथ्या दोष लग सकता है।
जिस कारण से भक्तों को झूठे आरोपों से सामना करना पड़ता है। इस दिन चांद नहीं देखने का एक विशेष समय निर्धारित होता है। 13 सितंबर 2018 गुरुवार के दिन चंद्रमा को नहीं देखने का समय – चंद्रोदय से रात 09: 22 बजे तक।
4अंक का संयोग-


अंक ज्योतिष के अनुसार गणेश चतुर्थी पर 4 अंक का महा संयोग बन रहा है, 13का मूलांक4 है,एवं तिथि भी चतुर्थी है। इस दिन स्वामी नक्षत्र का योग भी बन रहा है। 4अंक व नक्षत्र के स्वामी ग्रह राहु है।इस दिन भगवान गणेश की आराधना करने से मानसिक परेशानी, नुकसान, तनाव दूर होता है साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
राशि अनुसार कैसे करें श्री गणेश का सिद्ध पूजन, कौन सा लगाएं भोग


मेष– मंत्र ॐ वक्रतुण्डाय हुं॥
विशेष भोग : छुआरा और गु़ड़ के लड्डू

वृष– मंत्र: ॐ ह्रीं ग्रीं ह्रीं।
विशेष भोग : मिश्री, शक्कर, नारियल से बने लड्डू
मिथुन– मंत्र ॐ श्रीं गं लक्ष्मी गणपतेय वरवरदं सर्वजनं में वशमानयं स्वाहा॥
विशेष भोग : मूंग के लड्डू, हरे फल।

कर्क– मंत्र ॐ एकदंताय हुं॥
विशेष भोग :मोदक के लड्डू, मक्खन, खीर।

सिंह– मंत्र ॐ श्रीं श्रियैः नमः॥
विशेष भोग :गु़ड़ से बने मोदक के लड्डू व लाल फल, छुआरा ।
कन्या– मंत्र: ॐ गं गणपतयै नमः॥
विशेष भोग : हरे फल, मूंग की दाल के लड्डू व किशमिश।

तुला– मंत्र ॐ ह्रीं, ग्रीं, ह्रीं॥
विशेष भोग : मिश्री, लड्डू और केला।

वृश्चिक– मंत्र: ॐ ह्रीं उमापुत्राय नम:
विशेष भोग : छुआरा और गु़ड़ के लड्डू ।
धनु– मंत्र : ॐ गं गणपतये नमः
विशेष भोग : मोदक व केला।

मकर– मंत्र : ॐ लम्बोदराय नमः।
विशेष भोग : मोदक के लड्डू, किशमिश, तिल के लड्डू।

कुंभ- मंत्र: ॐ सर्वेश्वराय नमः।
विशेष भोग : गु़ड़ के लड्डू व हरे फल।
मीन– मंत्र: ॐ सिद्धि विनायकाय नमः।
विशेष भोग : बेसन के लड्डू, केला, बादाम।

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