पिछले कुछ सालों में गणपति की स्थापना को लेकर लोगो में खासा क्रेज देखने को मिल रहा है। यही वजह रही कि शहर में इस बार भी 500से ज्यादा घरों में गजानन की स्थापना की गई। शहर के प्रसिद्ध प्रमुख मंदिरों में भव्य पांडाल सजाए गए। आकर्षक झांकियों के साथ मंगलमूर्ति का विशेष श्रृंगार देखते ही बना।
कहीं गणपति बप्पा के जयकारें तो कहीं श्रद्धालुओं की लंबी कतार, कहीं चंचड़ी बजाते बच्चे, कहीं भजनों के सूर, केल के पत्तें व फूलों से सजाई गौरी के लाल की झांकी तो कहीं रजत-स्वर्ण श्रृंगार से सुशोभित मंगल मूर्ति। सुख -समृद्धि की चाह में रिद्धि-सिद्ध विनायक की पूजा-अर्चना की।
सुबह से ही मंदिरों में गणपत्ति बप्पा के जयकारें गूंजते रहें। लोगो ने व्रत-पूजन कर मोदक प्रिय को मोदक का भोग लगाया। शहर में घर-घर भगवान गणेश की स्थापना की गई। गुरुवार से गणेश महोत्सव का आगाज खुशनुमा मौसम के बीच हुआ। बाजारों में इसको लेकर रौनक दिखाई दी।
तो भक्त भी मंगलमूर्ति का स्वागत करने के लिए आतुर नजर आए। दस दिवसीय महोत्सव की शुरुआत के साथ घर-घर गणपति विराजें। शहर के प्रसिद्ध प्राचीन गणेश मंदिरों में धार्मिक आयोजनों की धूम रहेगी। इसी के साथ गणपति बप्पा की भक्ति में रमें भक्तो द्वारा भजन कीर्तन का दौर भी शुरू हो गया।
गणेश चतुर्थी पर शहर के मंदिरों में भव्य सजावट की गई। रात की रोशनी में रंग-बिरंगी झिलमिल लाइटों के बीच भक्तों की टोली बप्पा की भक्ति में रंगे नजर आए। गली- मौहल्लों में डीजे की धून पर भक्तिमय गीतों से माहौल सराबोर हो गया।
गाजे बाजे के साथ हुई स्थापना-
गाजे-बाजे के साथ चल समारोह में शहर के भक्त गणपति की स्थापना की। मंदिरो में सुबह से भक्ति की बयार बही। मीरा गेट, खोजा गेट गणेश जी, एक खंभा की छतरी भूरा गणेश, बालचंद पाड़ा में मंशापूर्ण गणेश और लंका गेट रोड पर इमली वाले गणेश जी, कोट वाले गणेश जी सहित विभिन्न क्षेत्रों में गजानन के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन देखने को मिले।
गाजे-बाजे के साथ चल समारोह में शहर के भक्त गणपति की स्थापना की। मंदिरो में सुबह से भक्ति की बयार बही। मीरा गेट, खोजा गेट गणेश जी, एक खंभा की छतरी भूरा गणेश, बालचंद पाड़ा में मंशापूर्ण गणेश और लंका गेट रोड पर इमली वाले गणेश जी, कोट वाले गणेश जी सहित विभिन्न क्षेत्रों में गजानन के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन देखने को मिले।