उसकी बच सकती थी जान, लेकिन अंधविश्वास हो गया हावी…
बूंदीPublished: Dec 13, 2019 03:38:41 pm
अंधविश्वास के चलते सर्पदश से पीडि़त एक वृद्ध किसान की गुरुवार तडक़े मौत हो गई।
उसकी बच सकती थी जान, लेकिन अंधविश्वास हो गया हावी…
देई. अंधविश्वास के चलते सर्पदश से पीडि़त एक वृद्ध किसान की गुरुवार तडक़े मौत हो गई। कालामाल निवासी मांगीलाल मीणा (६०) गत 9 दिसम्बर की शाम को खेतों में सिंचाई कर रहा था। इसी दौरान सर्पदंश से उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे उसे देवता के थानक पर ले गए, लेकिन वहां पर उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद तापडिय़ा फैक्ट्री के पास झाड़-फूंक कराने चले गए। वहां भी तबीयत ठीक नहीं होने पर बुधवार रात को परिजन उसे घर पर ले आए, जहां पर गुरुवार तडक़े उसकी मौत हो गई। अंधविश्वास के चलते वृद्ध की जान चली गई।
पोस्टमार्टम के लिए करना पड़ा इंतजार
वृद्ध की मौत होने के बाद परिजन शव को देई के अस्पताल में लेकर आए, लेकिन पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में परिजन चिकित्सका इंतजार करते रहे। दोपहर एक बजे चिकित्सक के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ। इस सम्बंध में अस्पताल प्रभारी वेदांती सिंह ने बताया कि चिकित्सकों की कमी से ऐसे दिक्कत आ जाती है। चिकित्सक सतीश सक्सेना के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया गया।