scriptHigher education -कार्यवाहकों के भरोसे बी-ग्रेड कॉलेज | Higher education- B-grade college-based trustees | Patrika News

Higher education -कार्यवाहकों के भरोसे बी-ग्रेड कॉलेज

locationबूंदीPublished: Nov 11, 2017 03:16:42 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

बूंदी जिले के सबसे बड़े कॉलेज में अव्यवस्थाओं का आलम, नही कोई धणी धोरी।उच्च शिक्षा संस्थान में स्वच्छ भारत मिशन की तस्वीर बेमानी।

higher-education-b-grade-college-based-trustees
बूंदी-मुख्य द्वार से ही गंदगी का सामना, नो-पार्किग जोन में बेतरतीब वाहन, खेल मैदान में चरती गाये, व झाड़-झंकार से अटा परिसर यह नजारा जिले के सबसे बड़े बी ग्रेड राजकीय महाविद्यालय का है जो अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। यूं तो स्वच्छ भारत मिशन को लेकर पीएम से लेकर अधिकारी कर्मचारी सुधार में लगे है लेकिन उच्च शिक्षा संस्थान में स्वच्छ भारत मिशन की तस्वीर बेमानी सी लगती है। कहने को भले ही यहां एनसीसी, एनएसएस संचालित है, जिनके सहयोग से कॉलेज में कई गतिविधियों के साथ परिसर की स्वच्छता का कार्य भी करवाया जाता है जो प्रोजेक्ट में शामिल भी होता है लेकिन यहां तो यह गतिविधियां भी ठप सी पड़ी है। ऐसा नही है कि यह हाल एक दो दिन से ही है, यह अव्यवस्था पिछले एक साल से बनी है लेकिन कॉलेज प्रशासन व उच्च शिक्षा अधिकारियों की अनदेखी से हालात बद से बदतर होते जा रहें है। एक साल में यहां चार प्राचार्य बदल चुके जो भी कार्यवाहक के रूप में ही रहें लेकिन किसी ने भी महाविद्यालय की दशा दिशा सुधारने को लेकर जहमत नही उठाई। आलम यह है कि कॉलेज परिसर में असामाजिक तत्व बे-रोक टोक प्रवेश करते है, जिन्हें कोई रोकने वाला नही। परिसर में कई बार गाडिय़ों की डिग्गी खोलकर रूपए चोरी करने जैसे मामले सामने आ चुके है। जिसको लेकर अब तक कोई प्रयास नही किए गए।
चारागाह बना मैदान-
जिले के राजकीय महाविद्यालय की दुदर्शा मुख्य द्वार से ही शुरू हो जाती है। बाहर की लगी रैलिंग टूट चुकी है तो मैदान को कॅवर करने वाली जालियां भी। महाविद्यालय अपने नाम तक को लेकर तरस रहा है। न कोई रंगाई पुताई हुई न महाविद्यालय का नाम लिखा गया। सुरक्षा कर्मी नही होने से यहां आवारा जानवर घुमते रहते है। मैदान में गाये चरती नजर आती है।
घनघनाते रहते है ऑफिस फोन-
महाविद्यालय में अगर कोई जानकारी लेनी है, तो कार्यवाहक प्राचार्य के मोबाइल पर नही ऑफिस के नम्बर पर सम्पर्क करो लेकिन जरूरी नही कि यहां भी कोई फोन उठाए जी हां कार्यवाहक प्राचार्य एम.एन पहाडिय़ा के पास मोबाइल हैंडल नही करते न ही ऑफिस फोन पर उनसे सम्पर्क किया जा सकता है।
यहां तो एनएसएस का भी नही सहारा-संभाग के अन्य जिलों में एनएसएस गतिविधियों के जरिए महाविद्यालय परिसर में सफाई अभियान से लेकर अन्य प्रोजेक्ट करवाए जाते है लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहेगें कि जुलाई माह से अब तक यहां की गतिविधिया ठप पड़ी हुई है, एनएसएस की यहां चार यूनिट है लेकिन सभी यूनिट का काम शुन्य ही है। निदेशालय से जबकि पूरे साल के कैलेण्डर के अनुसार गतिविधिया करना अनिवार्य है इसके लिए जुडऩे वाले विद्यार्थियों को अलग से माक्र्स भी मिलते है। लेकिन जब से प्रभारी राजेश बैरवा का ट्रांसफर हुआ तभी से व्यवस्था भी चरमारा गई। अब एक माह पहले राजकीय महाविद्यालय में कार्यभार सम्भालने के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही एनएसएस की गतिविधि जोर पकड़ेगी।
वर्जन-एनएसएस प्रभारी अनिता यादव
मुझे ज्वाइन किए एक ही महिना हुआ है। एनएसएस की गतिविधियों को लेकर समझ रहे है। इसी वजह से कोई एक्टिविटी नही हो सकी अब समग्र प्रभारी के रूप में राजेश बैरवा ने जिम्मेदारी सम्भाली है जल्द ही टारगेट पूरा किया जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो