read more : लापरवाही की हद, चोरी हो गया सरकारी रिकॉर्ड, जानिए कैसे ? एक हजार अस्सी रुपए की दर पर कट्टे वितरित किए गए थे। खाद का उपयोग करने के बाद गेहूं की बढ़वार प्रभावित हो गई। गेहंू की बुवाई किए 45 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक भी ग्रोथ मात्र तीन इंच है। क्षेत्र की करीब दो सौ बीघा गेहंू एवं सौ बीघा लहसुन में खाद दिया गया था। यह फसल नष्ट होने के कगार पर आ गई है।
किसानों ने फ सल खराबे को लेकर जिला कृषि अधिकारी के नाम राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व मुआवजे की मांग की। किसानो बताया कि पूरी मेहनत की फँसल बर्बाद हो गई है। इससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। अब समय नहीं है कि दुबारी बुवाई कर खाद को उगाया जा सके। ऐसे में अब परिवार का खर्चा चलाना भी मुंश्किल हो जाएगा। ऐसे में सरकार से ही राहत की उम्मीद है।
-किसानों को खाद लेने से पूर्व पूछताछ करनी चाहिए थी। कई झोलाछाप लोग कम्पनियों के फ र्जी सुपरवाइजर बनकर किसानों को ठगते हैं। गेहंू की ग्रोथ कम है तो पीडि़त किसान पाउडर का छिड़काव कर अच्छी उपज ले सकते हैं। वही इन फ र्जी लोगो के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार विभाग को नहीं है।
मीना गोचर, कृषि पर्यवेक्षक
मीना गोचर, कृषि पर्यवेक्षक