नैनवां. नैनवां के स्ववित्तपोषी भगवान आदिनाथ जयराज मारवाड़ा महाविद्यालय सरकारी हो यह पूरे उपखंड के जन-जन की आवाज बनने के बाद भी सरकार कुंवर नैनसिंह की नगरी को इस सौगात को नहीं दे रही। नैनवां में सरकारी कॉलेज के लिए चली मुहिम को सौ दिन पूरे हो गए। मुहिम जन आंदोलन बना तो सरकार के स्तर पर हलचल तो मची लेकिन हठधर्मिता दूर नहीं हो पा रही।
सर्वदलीय संघर्ष समिति की दो बार उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी से केबिनेट मंत्री बाबूलाल वर्मा एवं कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी की मौजूदगी में वार्ता हो चुकी। उच्च शिक्षामंत्री के कहे अनुसार बीएजेएम महाविद्यालय विकास समिति ने अपनी चल व अचल समिति, कॉलेज भवन, भूमि सरकार को समर्पित कर दिया। महाविद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष की ओर से भी शपथ पत्र प्रस्तुत कर दिया। इसके बाद भी कॉलेज सरकारी नहीं किया जा रहा। सरकार यह भी तो देखे कि जिस उपखंड की 14 ग्राम पंचायतों से चुना गया विधायक सरकार में काबीना मंत्री है। नैनवां के लोगों ने नगरपालिका बोर्ड में सत्ता पक्ष को बैठाने के बाद भी ऐसी उपेक्षा क्यो? यहां का विधायक विपक्ष का है तो इसमें नैनवां के लोगों का क्या दोषï? क्या विधायक विपक्ष का चुना जाए तो वहां के बच्चों को उच्च शिक्षा के दरवाजे बंद कर दिए जाए।
खून से खत लिखे, नहीं पसीज रही सरकार
उपखंड में सरकारी कॉलेज की महत्ती आवश्यकता समझते हुए राजस्थान पत्रिका ने पांच मई को मुहिम छेड़ी हुई थी। कस्बे का हर वर्ग मुहिम यह जुड़ता गया और मुहिम जन आंदोलन बन गई। बेटे-बेटियों के उच्च शिक्षा के सपने को पूरा करने के लिए किसी ने मंदिरों में तो किसी ने मजिस्दों में जाकर मन्नतें की। बेटे-बेटियोंं ने तो मुख्यमंत्री के नाम खून से खत तक लिखे हैं। उनके अभिभावक भी रक्त से खत लिखने में पीछे नहीं रहे। गांव-गांव में सरकारी कॉलेज के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाकर 14 हजार लोगों के हस्ताक्षरों का ज्ञापन सरकार तक पहुंचाया।
बेटियों को नहीं मिल रही नि:शुल्क शिक्षा
सरकार ने बेटियों के लिए उच्च शिक्षा नि:शुल्क कर दी। जबकि सरकारी कॉलेज के अभाव में नैनवां उपखंड के गांवों की बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मोटी फीस भरनी पड़ रही हैं। विद्यालयों के नामांकन की स्थिति देखे तो बेटों से ज्यादा नामांकन मिलता है, लेकिन बेटियां 12वीं पास करने के बाद ही निराश हो जाती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के रास्ते बंद हो जाते हैं। जिले में जिला मुख्यालय पर ही एक मात्र सरकारी कॉलेज है जो उपखंड के गांवों से 70 से 8 0 किमी दूर पड़ता है। नैनवां उपखंड की मुख्यालय से 30 किमी की परिधि में पचास से अधिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल स्थित है।
यह बड़े इवेंट हुए
30 मई को मैराथन दौड़
4 जुलाई को मानव शृंखला
6 जुलाई को नैनवां बंद
15 जुलाई को उपखंड स्तरीय प्रदर्शन
10 अगस्त को तिरंगा रैली
सर्वदलीय संघर्ष समिति की दो बार उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी से केबिनेट मंत्री बाबूलाल वर्मा एवं कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी की मौजूदगी में वार्ता हो चुकी। उच्च शिक्षामंत्री के कहे अनुसार बीएजेएम महाविद्यालय विकास समिति ने अपनी चल व अचल समिति, कॉलेज भवन, भूमि सरकार को समर्पित कर दिया। महाविद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष की ओर से भी शपथ पत्र प्रस्तुत कर दिया। इसके बाद भी कॉलेज सरकारी नहीं किया जा रहा। सरकार यह भी तो देखे कि जिस उपखंड की 14 ग्राम पंचायतों से चुना गया विधायक सरकार में काबीना मंत्री है। नैनवां के लोगों ने नगरपालिका बोर्ड में सत्ता पक्ष को बैठाने के बाद भी ऐसी उपेक्षा क्यो? यहां का विधायक विपक्ष का है तो इसमें नैनवां के लोगों का क्या दोषï? क्या विधायक विपक्ष का चुना जाए तो वहां के बच्चों को उच्च शिक्षा के दरवाजे बंद कर दिए जाए।
खून से खत लिखे, नहीं पसीज रही सरकार
उपखंड में सरकारी कॉलेज की महत्ती आवश्यकता समझते हुए राजस्थान पत्रिका ने पांच मई को मुहिम छेड़ी हुई थी। कस्बे का हर वर्ग मुहिम यह जुड़ता गया और मुहिम जन आंदोलन बन गई। बेटे-बेटियों के उच्च शिक्षा के सपने को पूरा करने के लिए किसी ने मंदिरों में तो किसी ने मजिस्दों में जाकर मन्नतें की। बेटे-बेटियोंं ने तो मुख्यमंत्री के नाम खून से खत तक लिखे हैं। उनके अभिभावक भी रक्त से खत लिखने में पीछे नहीं रहे। गांव-गांव में सरकारी कॉलेज के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाकर 14 हजार लोगों के हस्ताक्षरों का ज्ञापन सरकार तक पहुंचाया।
बेटियों को नहीं मिल रही नि:शुल्क शिक्षा
सरकार ने बेटियों के लिए उच्च शिक्षा नि:शुल्क कर दी। जबकि सरकारी कॉलेज के अभाव में नैनवां उपखंड के गांवों की बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मोटी फीस भरनी पड़ रही हैं। विद्यालयों के नामांकन की स्थिति देखे तो बेटों से ज्यादा नामांकन मिलता है, लेकिन बेटियां 12वीं पास करने के बाद ही निराश हो जाती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के रास्ते बंद हो जाते हैं। जिले में जिला मुख्यालय पर ही एक मात्र सरकारी कॉलेज है जो उपखंड के गांवों से 70 से 8 0 किमी दूर पड़ता है। नैनवां उपखंड की मुख्यालय से 30 किमी की परिधि में पचास से अधिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल स्थित है।
यह बड़े इवेंट हुए
30 मई को मैराथन दौड़
4 जुलाई को मानव शृंखला
6 जुलाई को नैनवां बंद
15 जुलाई को उपखंड स्तरीय प्रदर्शन
10 अगस्त को तिरंगा रैली