लेकिन समिति के पदाधिकारियों को निराशा हाथ लगी क्योकि गौरवयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री की तरफ से जिले के किसी भी संगठन समिति के प्रतिनिधिमंडलों से मिलने के कोई निर्देश प्राप्त नही है। बंद पड़ी शुगर मिल को लेकर पहले से ही आ्रकोशित किसानों को जब जिला कलक्टर ने यह बात कही तो उन्होनें मुख्यमंत्री की सभा में मौजूदगी का बहिष्कार करते हुए सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि के.पाटन शुगर मिल को लेकर चुनाव से पहले चालू नही किया गया तो विधानसभा क्षेत्र में जनता इनको उत्तर देगी।
पांच विधानसभा क्षेत्र में यह शुगर मिल प्रभावित करता है। अगर मिल चालू होती है तो सरकार को इसका पूरा फायदा मिलेगा। नही तो किसान सरकार के खिलाफ रणनिति तैयार करेगे। हाडोती किसान यूनियन के संभागीय महामंत्री दशरथ शर्मा ने बताया कि प्रतिनिधी मंडल गांधीवादी तरीके से अपनी बात रखना चाहता है
लेकिन मुख्यमंत्री वादाखिलाफी कर रही है जिसका नुकसान आगामी विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा। उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री ने पूर्व में वादा किया था कि अगर सरकार बनती है तो बंद शुगर मिल को शुरू किया जाएगा। लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नही हुई।
शुगर मिल्स चालू होने से जिले के करीब 50हजार किसानो को इसका लाभ मिलेगा। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो इस मिल्स को बेचने की तैयाी कर दी थी जिसे तत्कालिन मुख्यमंत्री ने बेचने से रोका और किसानो से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद मिल को शुरू करवाएगी इसी वादे को किसान समिति फिर से गौरव यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री से मिलकर शुगर मिल को संचालित करने की मांग कर रही है।
ज्ञापन देने आए प्रतिनिधिमंडल में किसान यूनियन के लक्ष्मीनारायण श्रृंगी, छोटूलाल गुर्जर, लक्ष्मीनारायण सैनी, बद्रीलाल बैरागी, परमानन्द किशोर, रामगोपाल सहित समिति के पदाधिकारी मौजूद रहें।