बूंदी

खूब बजे ढोल-पहुंचे घर-घर, फिर भी नामांकन बढ़ाने के दावे फेल

एक तरफ जहां राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने व शिक्षकों द्वारा गुणवत्ता शिक्षा देने के दावे कर रही है।

बूंदीJul 10, 2019 / 01:39 pm

पंकज जोशी

खूब बजे ढोल-पहुंचे घर-घर, फिर भी नामांकन बढ़ाने के दावे फेल

नमाना. एक तरफ जहां राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने व शिक्षकों द्वारा गुणवत्ता शिक्षा देने के दावे कर रही है। वही बूंदी जिले के लोइचा पंचायत के पालकिया प्राथमिक विद्यालय में नामांकन घट कर 8 पर आ पहुंचा है। विद्यालय में पोषाहार नहीं बनने के चलते बच्चे बिना तालिम लिए वापस अपने घर लौट रहे हैं।
शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की उदासीनता के चलते जिले में बिना बच्चों के पाठशाला चल रही है। लेकिन आज दिन तक किसी भी उच्च अधिकारी ने पाठशाला में आकर निरीक्षण नहीं किया यहां आने वाले शिक्षक भी दिन भर बिना बच्चों के स्कूल में बैठे रहकर कागजी कार्रवाई पूरी कर इतिश्री कर वापस घर लौट रहे हैं। यहां कार्यरत शिक्षक व विभाग के उच्च अधिकारियों ने बच्चों को स्कूल से जोडऩे के लिए कोई प्रयास नहीं किए जबकि गांव में सभी बच्चे भील जाति के निवास करते हैं। इन्हें तालीम देना तो दूर कोई स्कूल आने के लिए प्रेरित भी नहीं करता अभिभावकों का कहना है कि आज दिन तक किसी ने भी हमारे बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए। कक्षा 1 से लेकर 5 तक मात्र 8 बच्चों का नामांकन दर्ज है। जिसमें कक्षा 4 में तो एक भी बच्चा उपलब्ध नहीं है जबकि पाठशाला में बच्चे नहीं आने के पीछे यहां कार्यरत शिक्षक का तर्क है कि गांव के अधिकतर लोग पलायन कर चुके हैं। वजह कुछ भी हो पर बच्चे आज शिक्षा से वंचित है वहीं सरकार को भी लाखों रुपए महीने की चपत लग रही है।

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