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बूंदी

महिला की मौत पर परिजनों ने किया हंगामा

कस्बे के राजकीय सामुदायिक अस्पताल में बुधवार को एक महिला की मौत के बाद गुस्याएं परिजनों आधे घंटे तक अस्पताल में हंगामा कर दिया।

बूंदीSep 26, 2018 / 12:38 pm

Nagesh Sharma

Kin of the woman killed on the death

महिला की मौत पर परिजनों ने किया हंगामा

परिजनों ने कहा समय पर नहीं मिला उपचार
– उधर चिकित्सकों ने कहा कि अस्प्ताल पहुंचने से एक घंटा पहले हो चुकी थी मौत
इन्द्रगढ़. कस्बे के राजकीय सामुदायिक अस्पताल में बुधवार को एक महिला की मौत के बाद गुस्याएं परिजनों आधे घंटे तक अस्पताल में हंगामा कर दिया। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से समझाइश कर मामला शांत करवाया। परिजनों ने चिकित्सा प्रशासन पर समय पर उपचार नहीं मिलने का आरोप भी लगाया।
जानकारी के अनुसार चाण्दा कला निवासी लोतंती बाई (23) की बुधवार सुबह घर पर अचानक बेहोश हो गई। जिस पर परिजन उसे लेकर सुमेरगंजमण्डी प्राथमिक स्वस्थ्य केन्द्र पर लेकर आए, जहां से चिकित्सकों ने उसकी इसीसी कराने की बात कहते हुए इन्द्रगढ़ अस्पताल रेफर कर दिया। जिस पर परिजन लेकर उसे इन्द्रगढ़ अस्पताल लेकर आए, लेकिन चिकित्सालय में कोई चिकित्सक नहीं मिला।ऐसे में स्टाफ कर्मियों ने उसे सुमेरगंजमण्डी के अस्पताल में कार्यरत डॉ. धमेन्द्र गुप्ता के इन्द्रगढ़ स्थित आवास प भिजवाया दिया, जहां से गुप्ता ने पुन: ईसीजी की बात दोराहते हुए अस्पताल भेज दिया। लेकिन चिकित्सक नहीं मिलने पर महिला ने करीब साढ़े नौ बजे दम तोड़ दिया। जिस पर परिजन का गुस्सा फूटा पड़ा और अस्पताल हंगामा करना शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर इन्द्रगढ़ थाना प्रभारी हरिश भारती मय जाप्ते के अस्पताल पहुंचे, जहां पर परिजनों से समझाइश की। साथ ही थानाधिकारी ने महिला के शव का पोस्टमार्टम कराने की बात कही, लेकिन परिजन नहीं माने और वह शव को लेकर गांव लौट गए। उधर चिकित्सा प्रभारी डॉ. दिनेश शर्मा का कहना था कि युवती की मौत इन्द्रगढ़ अस्पताल पहुंचने के करीब एक घंटे पहले हो चुकी थी। जिसे परिजन मृत अवस्था में ही लाए थे। इसमें चिकित्सकों का कोई दोष नहीं है। परिजनों से बातचीत में बताया गया कि उसके मीर्गी का दौरा पड़ता था।
महिला की मौत पर बिलख पड़े परिजन
महिला की मौत होने के साथ ही अस्पताल में परिजन बिलख पड़े। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था। परिजन यही करते रहे कि समय पर उपचार मिल जाता तो इसकी जान बच सकती थी।
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