एसीबी को बूंदी के गुरुनानक कॉलोनी निवासी ठेकेदार मोहम्मद शाहिद हुसैन ने 6 मई को परिवाद दिया था कि उसने बूंदी शहर में पाइपलाइन जोडऩे एवं बिछाने, रोड रिपेयरिंग का काम किया। यह काम मय सामग्री 4 लाख 80 हजार रुपए का था, जो 18.18 प्रतिशत बिलो रेट में लिया था। काम पूरा करने के बाद बिल बनाने के लिए जेईएन पवन राठौर से बात की तो उसने 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। एक अन्य जेईएन राजेन्द्र सैनी जिनके पास एईएन का चार्ज था, उसने भी बिल पास करवाने एवं हस्ताक्षर करने की एवज में बिल की कुल राशि का 2 प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत की मांग की। रिश्वत देने की हां भरने के बाद जेईएन पवन राठौर ने 2 लाख 89 हजार 846 रुपए का चेक बनाकर दिया। शेष राशि रिश्वत देने के बाद देने की बात कही। तो पीडि़त ने एक-दो दिन में पैसे देने की कहकर शेष राशि के बिल बनाने को कहा।
शिकायत के सत्यापन में जेईएन पवन राठौर के 11 हजार पांच सौ रुपए एवं जेईएन राजेन्द्र सैनी के 2 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 5 हजार रुपए रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। मंगलवार शाम को बूंदी बायपास रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में कनिष्ठ अभियंता पवन राठौर को परिवादी से 11 हजार पांच सौ रुपए लेते रंगे हाथों धर दबोचा। रिश्वत की राशि अभियंता की पेंट की जेब से जब्त की। एसीबी टीम ने कनिष्ठ अभियंता राजेन्द्र सैनी को भी धरदबोचा।
शिकायत के सत्यापन में जेईएन पवन राठौर के 11 हजार पांच सौ रुपए एवं जेईएन राजेन्द्र सैनी के 2 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 5 हजार रुपए रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। मंगलवार शाम को बूंदी बायपास रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में कनिष्ठ अभियंता पवन राठौर को परिवादी से 11 हजार पांच सौ रुपए लेते रंगे हाथों धर दबोचा। रिश्वत की राशि अभियंता की पेंट की जेब से जब्त की। एसीबी टीम ने कनिष्ठ अभियंता राजेन्द्र सैनी को भी धरदबोचा।
दोनों के घरों की तलाशी
एसीबी टीम कोटा जिले के खेड़ारसूलपुर गांव निवासी 35 वर्षीय कनिष्ठ अभियंता पवन राठौर और बूंदी जिले के लाखेरी निवासी 29 वर्षीय कनिष्ठ अभियंता राजेन्द्र कुमार सैनी के घरों की तलाशी में देर रात तक जुटी रही।
रेस्टोरेंट पर पकड़ा
घूसखोर कनिष्ठ अभियंता पवन राठौर ने ठेकेदार से रेस्टोरेंट पर 11 हजार पांच सौ रुपए लेने के बाद 10 हजार रुपए और मांगे। राठौर ने साफ कहा कि दस हजार रुपए और देने के बाद ही शेष राशि और आगे काम मिलेगा।
खूब मिन्नतें की
ठेकेदार मोहम्मद शाहिद हुसैन ने बताया कि दोनों ही अभियंता पैसों के भूखे थे। कई बार मिन्नतें की। कहा कि पहले की काम बिलो रेट में लिया है। इतनी डिमांड पूरी नहीं कर सकता, बावजूद एक नहीं सुनी। रिश्वत देने को तैयार हो गया तब भी दो माह से बिलों को रोककर बैठे रहे। कार्यवाहक एईएन को जेईएन की शिकायत की तो एक नहीं सुनी। बाद में एईएन ने भी अपना कमीशन बता दिया। मजबूरी में एसीबी को शिकायत दी।
एसीबी टीम में यह रहे शामिल
कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक अजीत बगड़ोलिया, नरेश कुमार, दिलीप सिंह, भरत सिंह, नरेन्द्र सिंह, योगेन्द्र सिंह, देवेन्द्र सिंह, मनोज कुमार, मुकेश कुमार शामिल रहे।