7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ऑनलाइन वीडियो से सीखे ठगी के तरीके, केवाईसी के जरिए पुलिस के शिकंजे में फंसा

साइबर थाना पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत जिले की अब तक के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड कांड का पर्दाफाश करते हुए मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

3 min read
Google source verification

बूंदी

image

pankaj joshi

Jan 04, 2025

ऑनलाइन वीडियो से सीखे ठगी के तरीके, केवाईसी के जरिए पुलिस के शिकंजे में फंसा

बूंदी. पुलिस अधीक्षक कार्यालय में साईबर ठगी का मुख्य आरोपी (लाल घेरे में) मौजूद पुलिस अधिकारी, पुलिस टीम व टेबल पर रखी बरामद की गई नगदी।

बूंदी. साइबर थाना पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत जिले की अब तक के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड कांड का पर्दाफाश करते हुए मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी के कब्जे से टीम ने जालसाजी करके हड़पी गई राशि में से घर से 61 लाख 80 हजार रुपए नकद बरामद किए है। जबकि मामले में पुलिस ने 74 लाख रुपए होल्ड करवा रखे है। आरोपी ने फ्रॉड की घटना को सोशल मीडिया में वीडियो से सीख कर अजाम देना स्वीकारा है। वो शौक पूरा करने के लिए लोगों के साथ ठगी करता। साइबर थाना टीम ने आरोपी के कब्जे से प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सहित अन्य उपकरण भी जब्त किए है। इस घटना में आरोपी के रिश्तेदार भी लिप्त है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। मामले में अनुसंधान जारी है।

पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि 18 दिसंबर को दौसा निवासी फरियादी नरेश ने बूंदी के साइबर थाने में रिपोर्ट दी कि वो एक ऑनलाइन मार्केटिंग व गेमिंग कंपनी चलाता है, जिसके करीब 10 लाख यूजर है, जो लूडो प्लेयर एप पर गेम खेलते है। पिछले दिनों जजावर निवासी दुर्गाशंकर ने भी कंपनी में रजिस्टे्रशन कराकर लूड़ो गेम खेलने लगा। तभी उसने गेम खेलने के बहाने लूप वायरस डालकर कंपनी के एकाउंट को अपने कब्जे में ले लिया। पहले तो धीरे-धीरे 10 से 20 हजार रुपए निकालता है। 15 से 17 दिसंबर के बीच कंपनी के खाते से अचानक एक करोड़ 52 लाख रुपए कम हुए तो होश उड़ गए। बैंक जाकर पता किया तो उक्त राशि जिले के अलग-अलग खातों में यह पैसा डाला गया।

पुलिस ने मामले में अनुसंधान शुरू किया। टीम ने पहले कई बैंकों को ट्रेस कर नोटिस जारी कर जिले व बाहर के बैंको के खातों में डाली गई करीब 74 लाख रुपए को फ्रीज कराया। आरोपी को पकड़ने के लिए गठित टीमों ने जगह-जगह दबिशें दी। टीम ने लोकेशन ट्रेस की तो नैनवां थाना के ग्राम जजावर निवासी शातिर आरोपी मुख्य सरगना दुर्गाशंकर योगी को गांव जजावर जाते हुए मीरागेट बस से पकड़ा, जिसके कब्जे से पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी साइबर फ्रॉड की राशि 61 लाख 80 हजार रुपए नकद घर से बैग में बरामद किए। साथ ही साइबर घटना में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, कम्प्यूटर, 6 मोबाइल सिम, 2 मॉडम सहित एक क्रेडिट कार्ड को जब्त किया है। प्रकरण में पुलिस को मुख्य सरगना से अन्य सहयोगियों के बारे में अनुसंधान जारी है। इस प्रकरण खुलासे में विशेष भूमिका मुकेंद्रपाल सिंह व श्यामसुंदर की रही।

ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे आरोपी
आरोपी फ्रॉड की राशि को अलग-अलग बैकों के खाते में डलवाता। जब कंपनी के खाते से एक साथ एक करोड़ रुपए से अधिक राशि निकली तो गठित टीम ने बैंक से ट्रांजेक्शन निकलवाएं। केवीआईसी के जरिए स्टेटमेंट निकाले तो उसने जजावर निवासी दुर्गाशंकर का नाम सामने आया। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस किए। आरोपी अपने ठिकाने बदलता रहा। पुलिस को आरोपी की लोकेशन मीरागेट पर मिली। टीम ने जाल बिछाया आरोपी जजावर जाने की तैयारी में था। उससे पहले पुलिस ने बस से आरोपी को दबोच लिया।

दो घंटे लगे मशीन से नकदी गिनने में
पुलिस अधीक्षक के निकटतम सुपरविजन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा के पर्यवेक्षण में जिला साइबर नोडल अधिकारी व पुलिस उप अधीक्षक अनुसंधान अधिकारी अरुण कुमार के नेतृत्व में ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत ठगी के दर्ज प्रकरण के लिए टीम गठित की गई। टीम को आरोपी के घर से एक बैग में 61 लाख 80 हजार रुपए नकदी बरामद हुई। राशि गिनने के लिए पुलिस ने बैंक से दो कर्मचारी बुलाए ओर मशीन के जरिए करीब दो घंटे से अधिक समय में रकम की गिनती पूरी हो पाई। इसमें 500,200 व 100 के बंडल थे।