पुलिस हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपित घनश्याम मीणा व पत्नी राजकुमारी मीणा का अभी तक सुराग नहीं लगा पाई है। पुलिस ने कॉल डिटेल का सहारा लेकर आरोपितों की लोकेशन तलाशने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। आरोपित दम्पती के फोन बंद आने से पुलिस सही पते ठिकाने पर नहीं पहुंच पा रही है।
पुलिस ने बताया कि मामले में गिरफ्तार आरोपित मुखराम से रिमांड अवधि के दौरान पूछताछ की जा रही है, लेकिन कोई नई जानकारी पता नहीं चली। मुखराम की निशानदेही पर हत्या वाले स्थानों से बरामद खून, कपड़े, साडी आदि को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद यह पुख्ता हो सकेगा कि घटना स्थल पर मिला खून दम्पती का ही है। बुधवार को पुलिस अधीक्षक योगेश यादव व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दशरथ सिंह लाखेरी पुलिस थाने पहुंचे और पुलिस रिमाण्ड पर चल रहे आरोपित मुखराम से पूछताछ की।
पुलिस सूत्रों के अनुसार हत्याकाण्ड का मुख्य आरोपित घनश्याम मीणा अपराधिक प्रवृति का है। उसके करौली जिले के थानों भी मुकदमे दर्ज हैं। वह हजारीलाल के कोटा के मकान में तीन-चार माह पूर्व ही किराये से रहने आया था। इस दौरान उसने हजारीलाल से काफी निकटता बना ली थी। इसी निकटता के चलते उसने सम्पति के बारे में पूरी जानकारी ले ली। जब बेशकीमती भूखण्ड होने की बात सामने आई तो उसने यह वारदात करने का प्लान बनाया।
गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन बस्ती निवासी दम्पती हजारीलाल व उसकी पत्नी कैलाशी बाई का ८ व ९ जनवरी को हार ढंूढने के बहाने करौली जिले के अलग-अलग गांवों में बुलाकर उन्ही के कोटा के मकान में रहने वाले दम्पती घनश्याम व राजकुमारी ने हत्या कर दी थी। प्रकरण में शामिल एक आरोपित मुखराम को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।