इसकी खीर बनाई जाती हैं। ओर देसी घी में पुडिय़ा निकाली जाती है। आसपास के गांवों से बडी संख्या में श्रद्धालु आते है। हीरामन बाबा के थानक पर अपने जानवरों की खुशहाली की कामना करतेहै। कहावत है कि हीरामन बाबा को पशुओ का देवता माना जाता है।
इस दिन प्रसादी लेने के लिए लोगो की लम्बी कतार लगती है समाज ट्रेक्टर ट्रॉलियों से लोगो को परसादी का वितरण करते है।