बूंदी

सूखने लगी है फसलें अब तो ध्यान दो, आखिर क्यों नहीं सुन रहे किसानों की पीड़ा

ग्रामीणों ने कहा कि नहरों में पानी की सख्त आवश्यकता है। गेहूं, चना व लहसुन की फसल को नुकसान होने वाला है।

बूंदीFeb 15, 2018 / 09:52 pm

dheeraj sharma

virodh


बूंदी. नहर में पानी की मांग को लेकर अजेता, रायथल, पीपल्या, मंडित्या, जखाणा व गुवाडी के ग्रामीणों ने गुरुवार को जिला कलक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा कि नहरों में पानी की सख्त आवश्यकता है। पानी नहीं मिलने से गेहूं, चना व लहसुन की फसल को नुकसान होने वाला है।
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फसलें सूखने की चिंता सताने लगी है। फसलें नष्ट ना हो इसके लिए तीन बार पूर्व में जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया जा चुका है। फिर भी सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द ही फसलों में पानी नहीं छोड़ा तो आंदोलन किया जाएगा। जानबूझकर किसानों को पानी के लिए तरसाया जा रहा है। सीएडी प्रशासन की अनदेखी को कोई नहीं देख रहा है। ऐसे में किसानों को खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। गांव के नंद किशोर मीणा, सत्यनारायण गुर्जर, ओमप्रकाश बैरागी, कैलाश मीणा, परमानंद मीणा सहित कई लोगों ने नहरों में पानी छोडऩे की मांग की।
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जबरदस्ती खोल दी डिस्ट्रीब्यूटरी
सीएडी बूंदी खण्ड अधिशासी अभियंता ए.डी.अंसारी ने बताया कि सभी जगह रोटेशन प्लान के हिसाब से नियमानुसार पानी देने की व्यवस्था की गई है। १६ फरवरी से इन्हें पानी दिया जाएगा।
जिसकी तैयारी पूरी है। इसके बाद भी गुरुवार को अजेता डिस्ट्रीब्यूटरी को लोगों ने जबरन खोल दिया। बाद में पुलिस के आने पर लोग माने और उसे बंद किया गया। लोगों ने जो कृत्य किया है इससे जो पानी चल रहा था वो वापस लौट आया है। इस मामले में पुलिस को रिपोर्ट देंगे।

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