राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कक्षा १ से पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित है। जिसमें ६१ छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे है, लेकिन शिक्षकों के अभाव में छात्र-छात्राओंं की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाने से उनको निजी शिक्षकों का सहारा लेना पड़ रहा है। विद्यालय में महिला शिक्षक नवम्बर २०१७ से अध्ययन करा रही है।
करनी पड़ रही सफाई
विद्यालय में कक्षा शुरू होने से पूर्व घंटी बजाने का कार्य भी एक मात्र शिक्षक को ही करना पड़ रहा है। महिला शिक्षक को सुबह ९.२० व दोपहर ३.४० बजे घंटी बजानी पड़ती है। यही नहीं विद्यालय की साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी शिक्षिका के भरोसे है।
विद्यालय में कक्षा शुरू होने से पूर्व घंटी बजाने का कार्य भी एक मात्र शिक्षक को ही करना पड़ रहा है। महिला शिक्षक को सुबह ९.२० व दोपहर ३.४० बजे घंटी बजानी पड़ती है। यही नहीं विद्यालय की साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी शिक्षिका के भरोसे है।
बने चारदीवारी, मिले शुद्ध पेयजल
विद्यालय परिसर के आस-पास झांडिय़ां उग आई। मवेशी जमा रहने से गंदगी का आलम बना रहता है। परिसर के चारदीवारी नहीं बनी हुई। शुद्ध पेयजल भी नहीं मिल रहा। ऐसे संचालित होती कक्षाएं
राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों के अभाव में महिला शिक्षक कक्षा १ व २ व ३ से ५वीं तक की कक्षाओं के बच्चों को एक साथ अध्ययन कराना पड़ रहा है। कक्षा पांचवीं के ५ अप्रेल से होने वाली परीक्षा को लेकर छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विद्यालय परिसर के आस-पास झांडिय़ां उग आई। मवेशी जमा रहने से गंदगी का आलम बना रहता है। परिसर के चारदीवारी नहीं बनी हुई। शुद्ध पेयजल भी नहीं मिल रहा। ऐसे संचालित होती कक्षाएं
राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों के अभाव में महिला शिक्षक कक्षा १ व २ व ३ से ५वीं तक की कक्षाओं के बच्चों को एक साथ अध्ययन कराना पड़ रहा है। कक्षा पांचवीं के ५ अप्रेल से होने वाली परीक्षा को लेकर छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पोषाहार सामग्री भी ला रहे
विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के साथ महिला शिक्षिका को बच्चों को पोषाहार खिलाने से लेकर उसकी व्यवस्था भी करनी होती है।यही नहीं डाक भेजने का कार्य भी इनको अपने स्तर पर करना पड़ रहा है।
विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के साथ महिला शिक्षिका को बच्चों को पोषाहार खिलाने से लेकर उसकी व्यवस्था भी करनी होती है।यही नहीं डाक भेजने का कार्य भी इनको अपने स्तर पर करना पड़ रहा है।
बूंदी शहर के स्कूलों में शिक्षकों की कही है। इसके लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों को पत्र लिखा हुआ है।
त्रिभुवन गौतम, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, बूंदी
त्रिभुवन गौतम, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, बूंदी