खुला ताला, पहुंचा इंचार्ज
रामगंजबालाजी क्लोजर के निकट सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के मंगलवार को ताले खुल गए। ट्रीटमेंट प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि प्लांट चालू करने के लिए कम से कम दो लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ती है, लेकिन वर्तमान में प्लांट के टैंक में नाम मात्र का ही पानी आ रहा है। ऐसे में प्लांट को रोजाना चालू नहीं करते। टैंक में पानी की मात्रा बढऩे पर ही ट्रीटमेंट प्लांट को चलाया जाता है। उन्होंने सीवरेज लाइन का पानी नलकूपों में नहीं जाने की बात कही है।
रामगंजबालाजी क्लोजर के निकट सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के मंगलवार को ताले खुल गए। ट्रीटमेंट प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि प्लांट चालू करने के लिए कम से कम दो लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ती है, लेकिन वर्तमान में प्लांट के टैंक में नाम मात्र का ही पानी आ रहा है। ऐसे में प्लांट को रोजाना चालू नहीं करते। टैंक में पानी की मात्रा बढऩे पर ही ट्रीटमेंट प्लांट को चलाया जाता है। उन्होंने सीवरेज लाइन का पानी नलकूपों में नहीं जाने की बात कही है।
बिना ट्रीटमेंट ही ड्रेन में जा रहा दूषित पानी
सीवरेज प्लांट से महज दो सौ मीटर की दूरी पर निकल रही ड्रेन में प्लांट से बिना ट्रीटमेंट किए ही सीवरेज का पानी निकाला जा रहा है। मंगलवार को पानी की जांच के लिए मौके पर पहुंचे जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने डे्रन में जा रहे सीवरेज पानी के बारे में ट्रीटमेंट प्लांट प्रभारी से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि जब प्लांट चालू नहीं है तो दूषित पानी को ड्रेन में क्यों छोड़ रहे हो। इस पर प्लांट प्रभारी ने अन्य रिसाव होने की बात कहते हुए टालमटोल कर दिया।
सीवरेज प्लांट से महज दो सौ मीटर की दूरी पर निकल रही ड्रेन में प्लांट से बिना ट्रीटमेंट किए ही सीवरेज का पानी निकाला जा रहा है। मंगलवार को पानी की जांच के लिए मौके पर पहुंचे जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने डे्रन में जा रहे सीवरेज पानी के बारे में ट्रीटमेंट प्लांट प्रभारी से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि जब प्लांट चालू नहीं है तो दूषित पानी को ड्रेन में क्यों छोड़ रहे हो। इस पर प्लांट प्रभारी ने अन्य रिसाव होने की बात कहते हुए टालमटोल कर दिया।