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प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में एक तिहाई लाभार्थी अपात्र

locationबूंदीPublished: Dec 02, 2022 02:29:57 pm

Submitted by:

Vijay Jain


एक माह पूर्व पटवारियों से कराई थी जांच, 11 हजार 452 के दो बार नाम
50 हजार 91 में से 33 हजार 822 लाभार्थी पात्र मिले

प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में एक तिहाई लाभार्थी अपात्र
प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में एक तिहाई लाभार्थी अपात्र

बूंदी. नैनवां में प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की एक माह पूर्व पटवारियों से कराई डाटा पात्रता जांच ने योजना में चल रहे गड़बड़झाला की पोल खोल दी, गड़बड़झाला भी बड़े पैमाने पर चल रहा था। जांच में गड़बड़झाला सामने आने के बाद भी अपात्रों द्वारा उठाई राशि के मामले की कार्रवाई न तो आगे बढ़ पा रही और न ही अपात्रों से राशि की वसूली की कार्रवाई शुरू हो पाई। नैनवां तहसील में प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की सूची में 50 हजार 91 लोगों के नाम फीड थे। जांच के बाद 33 हजार 822 लाभार्थी पात्र निकले। सूची में 11 हजार 452 नाम दो बार जुड़े हुए मिले तो 4 हजार 817 लाभार्थी अपात्र मिले। प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में भूमिधारी किसान को ही पात्र माना जाता है। भूमिधारी सरकारी कर्मचारी, आयकर दाता व भूमिहीन को पात्र नहीं माना जाता। अक्टूबर माह में पात्रता की जांच हुई तो 50 हजार 91 लोगों में से 11 हजार 452 लाभार्थियों के नाम डबल मिले, जिनके नाम हटाने के बाद शेष 38 हजार 639 लाभार्थियों में से 33 हजार 822 लाभार्थी ही पात्र मिले। 4 हजार 817 लाभार्थी अपात्र मिले। अपात्र मिलने वालों में 559 लाभार्थियों की मृत्यु हो चुकी थी। दो हजार 524 अयोग्य पाए तो एक हजार 734 लाभार्थियों की भूमि की जानकारी नहीं मिल पाई। अपात्र मिले व डबल मिले नामों को पात्रता सूची से हटाए जा चुके। प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में अपात्रों के नाम भी लाभार्थियों की सूची में होने की शिकायतों पर सरकार की और से अक्टूबर माह में पटवारियों से लाभार्थियों की पात्रता की जांच कराई थी।
उच्चाधिकारियों को भेजी का पता है
तहसीलदार महेशचंद्र शर्मा का कहना है कि अक्टूबर माह में पटवारियों से करवाई जांच में प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के अपात्र लाभार्थियों की सूची उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी है। आगे की करवाई उनके यहां से ही होनी है।
कर्मचारी भी हो चुके है निलम्बित
प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में तहसील कार्यालय के कनिष्ठ सहायक व तत्कालीन सहायक प्रोग्रामर को निलंबित करने के बाद जांच आगे नहीं बढ़ पाई। राजस्थान पत्रिका ने 24 नवम्बर को सरकारी कर्मचारी उठाता रहा प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की राशि उठाने का मामला उजागर करने के बाद खबर पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने पत्रिका में प्रकाशित खबर पर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगने पर प्रशासन ने जांच कराई तो पत्रिका की खबर के तथ्यों की पुष्टि के बाद तहसीलदार ने जांच रिपोर्ट के आधार पर तहसील कार्यालय के कनिष्ट सहायक विकास कुमार नागर व सात अन्य लोगों के खिलाफ सम्मान निधि योजना की राशि के गबन का मामला दर्ज करवाया था। जांच के बाद मामले में जिला कलक्टर ने तहसील कार्यालय के कनिष्ठ सहायक विकासकुमार के साथ एक सहायक प्रोग्रामर को निलंबित किया था।
मामले ठंडे बस्ते में क्यों?
पटवारियों की जांच में अपात्र लोगों द्वारा सम्मान निधि की राशि उठाने का मामला अक्टूबर माह में सामने आ चुका था, लेकिन अपात्रों द्वारा राशि उठाने के मामले पर राशि उठाने वालों से राशि की वसूली व अन्य कोई कार्रवाई करने की बजाए मामले को ठंडे बस्ते में डाल रखा है।
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