ऐसी ही एक जाति के बूंदी जिले में इस कुरीति से जुड़े होने के मामले सामने आते रहे हैं। पुलिस की ओर से इसे रोका जाने के लिए कई बार बस्तियों में रेड भी डाली गई है। कुछ युवतियों को पकड़ा भी गया है, लेकिन वर्षों से चली आ रही कुरीति और अशिक्षा के कारण इसके चंगुल से छूट नहीं पा रहे है। इस मामले में बूंदी में पदस्थापित जिला कलक्टर रेणू जयपाल ने करीबी से समझा। इसके लिए कुछ सामाजिक संस्थाओं और बाल कल्याण समिति की मदद ली गई। ऐसे परिवार के लोगों और उनके बीच सामाजिक सेवा के काम कर रहे लोगों से गहन मंथन और चिंतन किया गया। जिसमें सामने आया कि इस कुरीति का मुख्य कारण है अशिक्षा और बेरोजगारी। जाति विशेष के लोगों में शिक्षा के प्रति कोई रुचि नहीं है। फिर इस बारे में किसी ने इन्हें सोचकर प्रेरित भी नहीं किया।
इसे जिला कलक्टर जयपाल ने अपनी प्राथमिकताओं में लिया। फिर प्रयास शुरू किए। इसे Operation Asmita नाम दिया गया। और धीरे-धीरे अब इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं। अभियान के तहत युवक-युवतियों का विवाह भी कराया जा रहा है। साथ ही इन्हें शिक्षा से जोडऩे के लिए विशेष प्रयास शुरू किए गए हैं। रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इस बदलाव को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सराहा है। जाति विशेष के मुखियाओं ने इस स्वीकार करते हुए पूरे प्रदेश में लागू करने की इच्छा जाहिर की है। इसके लिए पत्र लिखे हैं। अभियान की समीक्षा के बाद इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव समित शर्मा ने सभी कलक्टर्स को आदेश जारी कर दिए हैं।
शासन सचिव डॉ.समित शर्मा ने पत्र में बताया कि यह महसूस किया गया कि समाज में आज भी बहुत से समुदाय ऐसे हैं जो शिक्षा एवं रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करने से वंचित है। जिसमें मुख्य रूप से घुमन्तु समुदाय की बहुत सी जातियां जिनमें कंजर, सांसी, नट प्रमुख रहे हैं। इनमें बहुत सी सामाजिक कुरीतियां व्याप्त थी, जो अब भी दूर नहीं हुई है। जिसका मुख्य कारण शिक्षा एवं रोजगार का अभाव माना गया है। उक्त समुदाय की बालिकाएं एवं महिलाएं कुछ जिलों में देह व्यापार में भी लिप्त मिल रही जो कि आज के आधुनिक एवं सभ्य समाज पर कलंक के समान है।
बूंदी की पहल सराहनीय
उन्होंने बताया कि उक्त परिदृष्य के संदर्भ में बूंदी जिला कलक्टर जयपाल की ओर से Operation Asmita अभियान समस्त संबंधित विभागों के समन्वय से चलाया गया जो कि एक सराहनीय कदम साबित हुआ। उक्त अभियान से जिले में संबंधित लोगों को काफी प्रसन्नता एवं लाभ भी प्राप्त हुए। ऐसे कार्यक्रम संचालित करने से समाज एवं जनमानस में एक सकारात्मक वातावरण पैदा हुआ है।