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दिव्यांगों के लिए सहारा बनी सरकार की ये योजना…

locationबूंदीPublished: Apr 24, 2018 06:23:55 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

किसी को चलने का तो किसी को मिला सुनने का यंत्र

Parts Equipment Camps for divyaagon
बूंदी/नैनवां. समाज कल्याण विभाग की ओर से सोमवार को नैनवां में विशेष योग्यजन अंग उपकरण वितरण शिविर का आयोजन किया। दिव्यागों को उपकरण मिलते ही चेहरे खिल उठे। शिविर में मुख्य अतिथि सांसद सुभाष बहेडिय़ा थे। अध्यक्षता पालिकाध्यक्ष मधुकंवर ने की। उपखंड अधिकारी मीनू वर्मा व पूर्व पालिकाध्यक्ष पुखराज ओसवाल विशिष्ट अतिथि थे।
सांसद ने कहा कि सरकार की योजनाओं को अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। दिव्यंागों की परेशानी को देखते हुए उनको सहारा प्रदान करने के लिए समाज कल्याण विभाग के माध्यम से उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
सामाजिक सुरक्षा अधिकारी दिशा भार्गव ने कहा कि शिविर तीन चरणों में चला है।पहले चरण में दिव्यांगों का चिह्निकरण किया गया था। दूसरे चरण में चिकित्सकों के माध्यम से आवश्यक अंग उपलब्ध कराने के लिए चयन किया तथा अब तीसरे चरण में विशेष योग्यजन अंग उपकरण वितरण किए हंै।
शिविर में चालीस दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल, आठ को व्हीलचेयर, बीस को श्रवण यंत्र , आठ को बैशाखी व दो को सीपी चेयर वितरित की गई।

स्कूल पहुंचना हुआ आसान

विशेष योग्यजन अंग वितरण शिविर में दो छात्रों को मिले उपकरण उनके स्कूल जाने का सहारा बन गए। बाछोला गांव के सातवीं कक्षा में पढ़ रहे दिव्यांग दिनेश के घर से स्कूल की दूरी ज्यादा होने से परिजन गोद में लेकर स्कूल छोडऩे व लेने जाते थे। वही बड़ी पड़ाप के दिव्यांग चिंटू की भी यही स्थिति थी। उसके घर से भी स्कूल की दूरी अधिक होने से परेशानी उठानी पड़ती थी। दोनों ही दिव्यांगों को जब व्हीलचेयर पर बैठाया तो बोल पड़े कि स्कूल जाने का सहारा मिल गया।
पत्रिका ने दर्द बयां किया तो मिला सहारा

नैनवां के पापोलाई का झोपड़ा निवासी दिव्यांग जुड़वा भाई भंवरलाल व कालूलाल को ट्राईसाइकिल व व्हीलचेयर मिली तो चेहरे खिल उठे। दोनों ही भाइयों को उनकी मां कजोड़ी बाई शिविर में लेकर पहुंची। राजस्थान पत्रिका ने ‘नि:शक्त लालों के हाल मां बेहाल शीर्षक से उनकी पीड़ा को उजागर किया था। समाज कल्याण विभाग ने दोनों भाइयों को उपकरण उपलब्ध कराने के लिए चयन कर लिया। भंवरलाल को टाईसाइकिल व कालूलाल को व्हीलचेयर दी गई।
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