जांच में जुर्म प्रमाणित होने पर साक्ष्यों के साथ बूंदी पुलिस अधीक्षक की ओर से 5 मार्च 20 को कोर्ट में चालान पेश किया। पुलिस ने उक्त प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया। मामले की जांच डिप्टी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई। जिन्होंने प्रयास कर कोर्ट में गवाहों के बयान कराए।
गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद पुलिस ने ठोस अनुसंधान रिपोर्ट, वैज्ञानिक तकनीक से जुटाए साक्ष्य, एफएसएल नतीजों को कोर्ट में पेश किया। इन तमाम आधारों और सबूतों के बाद सुनवाई पूरी होने पर गुरुवार को अपने फैसले में कोर्ट ने बनवारी को आरोपी मानते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही अलग-अलग धाराओं में 70 हजार रुपये का अर्थदंड किया।