प्रदेश के सभी पुलिस थानों में एफआइआर ऑनलाइन के बाद अब परिवाद भी ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे।
बूंदी•Jul 03, 2019 / 06:17 pm•
पंकज जोशी
पुलिस थानों में एफआइआर के बाद अब थानों में परिवाद ऑनलाइन दर्ज करने का निर्णय, रजिस्टर संधारण से मिलेगी मुक्ति
– बूंदी जिले के पुलिस थानों में शुरू हुई प्रक्रिया
बूंदी. प्रदेश के सभी पुलिस थानों में एफआइआर ऑनलाइन के बाद अब परिवाद भी ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे। इससे थानों में रजिस्टर संधारण से मुक्ति मिलेगी। जुलाई माह से यह नियम थानों में प्रभावी हो जाएगा। पुलिस महानिदेशक ने इस संबंध में प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी किए हैं।
पुलिस थानों की कार्यप्रणाली को अत्याधुनिक करने के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से नई पहल की है। इसके तहत आमजन के थानों में आने वाले परिवाद को भी ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय की ओर से काइम कंट्रोल टैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। जिससे सभी थानों को ऑनलाइन किया गया है। इसके बाद एफआइआर ऑनलाइन दर्ज होने लगी थी। देखने में आ रहा था कि थानों में कुछ परिवाद आते हंै, लेकिन वे रजिस्टर में चढऩे व कांस्टेबल की लापरवाही से रह जाते हैं। ऐसे में अब परिवादों के ऑनलाइन दर्ज होने से पुलिस के उच्चाधिकारी किसी भी समय थानों में दर्ज परिवादों के बारे में जानकारी कर सकेंगे। नियमित मॉनिटरिंग कर सकेंगे।
इसलिए पड़ी जरुरत
इसको लागू करने के पीछे पुलिस मुख्यालय की मंशा है कि कई मामलों में पीडि़त पक्ष की ओर से थानों में परिवाद दिए जाते हैं। परिवाद लंबे समय तक फाइलों में दबे रहते हैं। उनके खोने का डर बना रहता है। इसकी जांच की मॉनिटरिंग भी नहीं हो पाती है। ऐसे में अब हर परिवाद की मॉनिटरिंग हो सकेगी।
यह होगा फायदा, कागजों की होगी बचत
परिवाद ऑनलाइन दर्ज होने से समय और स्टेशनरी का खर्च बचेगा। या यूं कहा जाए कि कागजों के जाल से मुक्ति मिलेगी। साथ ही परिवाद को संभालने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। ऑनलाइन ही किसी परिवाद की वस्तुस्थिति देखी जा सकेगी।
उच्चाधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग
थाने में परिवाद ऑनलाइन दर्ज होने के बाद थानास्तर से लेकर पुलिस उपअधीक्षक तक का मॉनिटरिंग का जिम्मा रहेगा। पुलिस उपअधीक्षक थानों में परिवादों की वस्तुस्थिति की समय-समय पर रिपोर्ट लेंगे। रिपोर्ट को उच्चाधिकारियों को देंगे। जांच में संगीन अपराध प्रतीत होने पर प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।
हर थानों में था ‘परिवाद रजिस्टर’
वर्तमान में सभी थानों में परिवाद रजिस्टर होता है। जिसमें आने वाले पीडि़त की घटना का संक्षिप्त विवरण, नाम, पता लिखा जाता है। इसके बांद जांच के लिए अधिकारी नियुक्त होते हैं।प्रकरण की गंभीरता के अनुसार जांच सौंपी जाती है। देखने में आ रहा था कि कुछ परिवाद थाने में आते तो हैं लेकिन वो रजिस्टर में दर्ज होने के बाद कोई ध्यान नहीं दे रहा था।
‘यह एक अच्छा प्रयास है। परिवाद ऑनलाइन होने से थानों में रजिस्टर संधारित करने से मुक्ति मिलेगी। ऑनलाइन परिवाद होने से उच्चाधिकारी आसानी से कभी भी किसी भी समय मॉनिटरिंग कर सकेंगे। इसी सप्ताह से इसको शुरू कर दिया जाएगा।’
ममता गुप्ता, पुलिस अधीक्षक, बूंदी