बहादुर सिंह सर्किल से नैनवां रोड :- इस मार्ग के भी हाल-बेहाल है। पोस्ट ऑफिस से लेकर नैनवां रोड चौराहे तक सड़क जगह-जगह से उखड़ी हुई है। कहीं गिट्टी पसरी तो कहीं पर गड्ढ़े लबालब होने से गुजरना मुश्किल हो रहा है। सड़क से गिट्टी बाहर निकल गई। गड्ढों में पानी भरा रहता है और तो गायों का जमावड़ा रहने से कई बार वाहन चालक गिरकर चोटिल हो गए है। बड़े-बड़े गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे है। जबकि दिनभर इस मार्ग से काफी संख्या में हर तरह का वाहन फर्राटे भरता है।
तहसील रोड:-शहर में अगर सबसे बुरे हाल किसी सड़क के है तो वो है तहसील रोड। यहां बरसों हो गए सड़क का निर्माण हुए। यहां आलम ऐसा है कि कोट के गणेश जी से (जो रास्ता आगे जाकर कोटा की ओर निकलता है) वहां तक बहुत बड़े-बड़े गड्ढे है कि जरा से चूके तो गिरना तय है। मुसीबत बारिश के समय और बढ़ जाती है। जब यह बड़े-बड़े गड्ढे पानी भरा होने से दिखते नहीं है। जबकि इस मार्ग पर न्यायालय, शिक्षा विभाग ऑफिस, पीआरओ, तहसील सहित अन्य सरकारी दफ्तर है, इन मार्ग पर अधिकारी व आमजन की आवाजाही रहती है।
देवपुरा मार्ग:- देवपुरा मार्ग की इस सड़क के लिए खूब धरने-प्रदर्शन हुए,तब जाकर इस सड़क का निर्माण हाल ही में विधानसभा चुनाव से पूर्व हुआ था,लेकिन पहली बरसात में करोड़ों रुपए की सड़क धंस गई। एक जगह से सड़क ज्वाइंट से अलग हो रही है। जबकि इस मार्ग से वाहन कोटा की ओर सफर तय करते है। वीआईपी मूववेंट के अलावा अफसरों के साथ पर्यटकों व आमजन की आवाजाही इस मार्ग पर बनी रहती है। निजी चिकित्सालय से कुछ दूरी पर सड़क में कंक्रीट फैल गई है। या यू माने तो हादसा हो जाए तो उससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
शहर की 34 किलोमीटर की मुख्य सड़क के पेचवर्क के लिए प्रस्ताव बनाकर बाढ़ सहायता राहत कोष के तहत कलक्टर के यहां भेजे हुए है। प्रस्ताव स्वीकृत होते ही शहर की सड़कों का पेचवर्क शुरु कर दिया जाएगा।
सरोज अग्रवाल, सभापति,नगर परिषद,बूंदी