बूंदी

राजस्थान का यह गांव क्यों हैं इतना ठंडा कि स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही, जानने के लिए पढ़ें यह खबर

स्ट्रॉबेरी की खेती ठंडे प्रदेशों में की जाती है, लेकिन बूंदी जिले के हिण्डोली उपखंड क्षेत्र में स्थित ठीकरदा गांव के किसान रामकिशन सैनी ने अनुकूल भूमि एवं वातावरण ना होते हुए भी स्ट्रॉबेरी खेती करने का मन बनाया और सफ लता प्राप्त की।

बूंदीMay 06, 2019 / 01:24 pm

पंकज जोशी

राजस्थान का यह गांव क्यों हैं इतना ठंडा कि स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही, जानने के लिए पढ़ें यह खबर

अलोद. स्ट्रॉबेरी की खेती ठंडे प्रदेशों में की जाती है, लेकिन बूंदी जिले के हिण्डोली उपखंड क्षेत्र में स्थित ठीकरदा गांव के किसान रामकिशन सैनी ने अनुकूल भूमि एवं वातावरण ना होते हुए भी स्ट्रॉबेरी खेती करने का मन बनाया और सफ लता प्राप्त की। अब स्ट्रॉबेरी की खेती से अच्छी आमदनी प्राप्त कर किसान काफी खुश है। ठीकरदा निवासी रामकिशन ने राज्य के पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी की सलाह पर आधुनिक खेती करने का मन बनाया और पीछे मुडक़र नहीं देखा। गत तीन वर्षो से यह किसान अपनी 10 बीघा जमीन में आधुनिक तरीके से खेती कर रहा है। सैनी ने बताया कि गत वर्ष सितंबर-अक्टूबर माह में महाराष्ट्र से स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगवाए और 10 बिस्वा भूमि पर खेती शुरू की। एक पौधा 12 रुपए प्रति दर से खरीदा था। यहां 50 हजार के पौधे लगाए। इस वर्ष जनवरी-फ रवरी माह में स्ट्रॉबेरी की फ सल तैयार होने के बाद बूंदी-कोटा में बेच करके डेढ़ लाख रुपए का मुनाफ ा कमाया।
पॉली हाउस भी लगाया
सैनी ने कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके 2 बीघा भूमि पर पॉली हाउस लगवाया है। जिस पर करीब 25 लाख रुपए का खर्चा आया। केंद्र एवं राज्य सरकार की सब्सिडी के रूप में उन्हें 18 लाख रुपए मिले। जिससे पॉली हाउस के लिए 6 लाख रुपए अपनी जेब से देने पड़े। पॉली हाउस में खीरा ककड़ी की फ सल तैयार की। इससे एक सीजन में ही छह लाख रुपए की आमदनी प्राप्त कर ली।
-स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों के लिए फ ायदेमंद का सौदा है। इससे किसान को कम भूमि में अच्छी आमदनी प्राप्त होती है। हिण्डोली क्षेत्र में तीन किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती की है, जिससे अच्छा लाभ प्राप्त हुआ है।
रामनिवास पालीवाल, उप निदेशक, कृषि विभाग बूंदी

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