बूंदीPublished: Apr 28, 2019 10:34:03 pm
पंकज जोशी
क्षेत्र के फौलाई स्थित धोब तलाई ग्रामीणों के लिए दो साल से जानलेवा साबित हो रही है।
राजस्थान की यह तलाई खींच लेती है मौत की ओर, आखिर क्या है इस तिलस्म की सच्चाई
– जल स्वावलम्बन अभियान में कराई खुदाई से हुई जगह-जगह खाइयां
गेण्डोली. क्षेत्र के फौलाई स्थित धोब तलाई ग्रामीणों के लिए दो साल से जानलेवा साबित हो रही है। इस तलाई में दो साल के अन्तराल में दो जनों सहित कई जानवरों की गिरने से मौते हो चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व में यह तलाई सामान्य तलाइयों की तरह बनी हुई थी। जिसमें मवेशी एवं जंगली जानवर सुगमता से अपनी प्यास बुझाते थे, लेकिन वर्ष 2017 में जल स्वावलम्बन अभियान के तहत उक्त तलाई को एक धार्मिक संस्था ने गोद ले लिया। यहां कार्य मजदूरों की जगह बुलडोजर मशीन से कराया गया। जिससे तलाई एक ही जगह से काफी गहरी हो गई। कुछ जगह गहरे गड्ढे हो गए।जिनमें गिरने से अब मवेशी और ग्रामीणों की मौत हो रही है। तलाई में डूबने से भीमशंकर से पहले वर्ष 2018में एक बालक की मौत हो चुकी है। वहीं दर्जनों मवेशी पानी पीने के प्रयास में अपनी जान गंवा चुके है।
तलाई के निकट रहने वाले बाबूलाल माली का कहना है कि उक्त तलाई आबादी के निकट होने से लोगों की आवाजाही बनी रहती है। खेतों का रास्ता भी तलाई की ओर ही निकलता है। इस मामले में सरपंच अनिता मेघवाल का कहना है कि उक्त तलाई में अभी पानी भरा होने से कोई भी कार्य किया जाना संभव नहीं है। तलाई का पानी निकाले जाने पर मवेशियों के सामने पेयजल संकट पैदा हो जाएगा।