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प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बना रामगढ़ विषधारी…यहां जानें रामगढ़ के बारे में वह सब, जो आप जानना चाहते हैं….

locationबूंदीPublished: May 17, 2022 12:14:02 pm

Submitted by:

Abhishek ojha

सचिव ने किए हस्ताक्षर, जारी हुआ गजट नोटिफिकेशन

प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बना रामगढ़ विषधारी...यहां जानें रामगढ़ के बारे में वह सब, जो आप जानना चाहते हैं....

प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बना रामगढ़ विषधारी…यहां जानें रामगढ़ के बारे में वह सब, जो आप जानना चाहते हैं….

बूंदी. रामगढ़ विषधारी अभयारण्य अब रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व कहलाएगा। सोमवार को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के शासन सचिव ने इसपर हस्ताक्षर लगाकर मुहर लगा दी है। इसका गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व हो गया है। इसके साथ ही क्षेत्रफल की दृष्टि से यह प्रदेश का दूसरा बड़ा टाइगर रिजर्व हो गया है। जुलाई 2021 में एनटीसीए ने इसकी स्वीकृति जारी की थी। इसके बाद इसके प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजे गए थे। यह प्रस्ताव जनवरी में भेजे थे। तब से वन विभाग, वन्यजीव प्रेमियों और बूंदी वासियों को इसके नोटिफिकेशन का इंतजार था, जो सोमवार को समाप्त हुआ।
यह रहेगा क्षेत्र
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1501.89 वर्ग किलोमीटर रहेगा। इसमें कोर एरिया प्रथम 225.62 व कोर एरिया द्वितीय 256.28 रहेगा। इसके साथ ही बफर क्षेत्र 1019.98 वर्ग किलोमीटर का रहेगा।
राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभयारण्य भी शामिल
टाइगर रिजर्व में हाड़ौती से निकल रहे राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभयारण्य को भी शामिल किया है। इसे कोर के रूप में शामिल किया गया है। इससे यहां हो रहे अवैध खनन और मत्स्य आखेट पर भी प्रतिबंध लगेगा। इससे चम्बल में भी जलीय जीवों की स्थिति में सुधार होगा और उनकी संख्या में इजाफा होगा।
बूंदी और भीलवाड़ा के क्षेत्र शामिल
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बूंदी जिले के साथ ही भीलवाड़ा जिले के कुछ वन क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इसमें बूंदी के रामगढ़ विषधारी, हिण्डोली, डाबी, नैनवां, केशवरायपाटन, चम्बल घडिय़ाल अभयारण्य के साथ ही भीलवाड़ा में जलिन्द्री, बांका और भोपतपुरा का क्षेत्र शामिल किया गया है। भीलवाड़ा का कुल 9548 हैक्टेयर वनक्षेत्र इसमें शामिल किया है।
डिविजन और रेंज का होगा गठन
अब तक अभयारण्य के रूप में संचालित हो रहे रामगढ़ के टाइगर रिजर्व बनने के बाद यहां सुविधाओं और संसाधनों में भी बढ़ोतरी होगी। बूंदी में टाइगर रिजर्व के लिए डिविजन बनेगा। साथ ही कई नई रेंज का भी गठन किया जाएगा। जिससे बाघों और वन्यजीवों की सुरक्षा को बेहतर किया जा सके।
बाघ संरक्षण का बनेगा प्लान
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद विभाग बाघ संरक्षण का प्लान तैयार करेगा। जिसे नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन ऑथोरिटी को भेजा जाएगा। जहां से स्वीकृति के बाद कार्य कराए जाएंगे। बजट मिलने से यहां कमजोर आर्थिक स्थिति से जूझ रहे रामगढ़ को संबल भी मिलेगा।
यह है रामगढ़ का इतिहास
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य का नोटिफिकेशन वर्ष 1982 में हुआ था। इसका कुल क्षेत्रफल 302 वर्ग किलोमीटर था। इस समय भी यहां बाघों की अच्छी संख्या हुआ करती थी। यहां वर्ष 1990 तक बाघों का बसेरा माना गया। इसके बाद वर्ष 2004 में रणथम्भौर से निकलकर बाघ ब्रोकन टेल रामगढ़ से होता हुआ दरा अभयारण्य पहुंचा था। जहां राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद वर्ष 2013 में यहां बाघ टी 62, वर्ष 2016 में बाघ ट ी 91 यहां रामगढ़ आया था। इसके बाद वर्ष 2021 में बाघ टी 115 रामगढ़ पहुंचा जो वर्तमान में भी रामगढ़ में ही विचरण कर रहा है।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए लगातार प्रयास किए गए। राजस्थान पत्रिका लोगों की आवाज बना और समय-समय पर खबर प्रकाशित करता रहा। इसके बाद प्रस्ताव तैयार किए गए और उन्हें राज्य सरकार को भिजवाया गया। नोटिफिकेशन में हो रही देरी को लेकर भी समाचार प्रकाशित किया गया। इसके बाद वनमंत्री ने प्रस्तावों को मंजूरी देकर इसे विधि विभाग को भेजा। जहां से नोटिफिकेशन जारी हुआ।
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एनक्लोजर भी तैयार, बाघिन का इंतजार
रामगढ़ विषधारी में हर्बीवोर्स के साथ बाघिन लाने के लिए तैयार किया जा रहा एनक्लोजर भी तैयार हो गया है। इसके ज्वॉइंट आदि की जांच चल रही है। इसके बाद एक या दो बारिश होने के बाद यहां घना अभयारण्य से 150 चीतल लाए जाएंगे। इसके बाद बाघिन लाई जाएगी। हालांकि इसमें अभी थोड़ा समय लगेगा। विभाग के प्रयास है कि बारिश होने के बाद मौसम में थोड़ी नरमी आने के बाद इस कार्य को किया जाएगा।
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रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के नोटिफिकेशन पर सचिव के हस्ताक्षर हो गए है। एक-दो दिन में गजट नोटिफिकेशन प्रिंट हो जाएगा। उच्चाधिकारियों के निदेशन और स्टाफ की मेहनत से यह सफलता मिली है।
– तरुण मेेहरा, सहायक वन संरक्षक, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी

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