पेशे से खेती का कार्य करने वाले किशनसिंह कुछ दिनों पहले गुजरात के सूरत में रह रहे अपने पुत्रों से मिलने के लिए वहां गए हुए थे। शुक्रवार शाम को अचानक किशनसिंह की मौत हो गई। शनिवार रात किशनसिंह का शव गांव चलकोई लाया गया। रविवार सुबह हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार किशनसिंह की अंतिम संस्कार की सभी परम्परा का निर्वहन कर देह दान कर दी गई। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर विंग के सेवादारों ने एम्बुलेंस से किशनसिंह की पार्थिव देह अनंता मेडिकल कॉलेज के सुपुर्द कर दी।
किशनसिंह के दो पुत्र व एक पुत्री है। पुत्री राज कंवर व पौत्री सोनू ने अर्थी को कंधा देकर अंतिम संस्कार का फर्ज निभाया। इस दौरान गांव के सैंकड़ों लोग मौजूद थे।