बूंदीPublished: Jul 15, 2019 10:32:43 pm
पंकज जोशी
नैनवां का बीएजेएम महाविद्यालय सरकारी होते ही आम परिवारों की बेटियों के लिए ही नहीं घुमक्कड़ जातियों की बेटियां भी उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने पहुंचने लगी है।
सास-ससुर बोले: ‘बहु न पढ़ास्या’, कॉलेज सरकारी होने का यह हुआ असर
नैनवां. नैनवां का बीएजेएम महाविद्यालय सरकारी होते ही आम परिवारों की बेटियों के लिए ही नहीं घुमक्कड़ जातियों की बेटियां भी उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने पहुंचने लगी है। घुमक्कड़ जाति गाडिय़ा लुहारों की बेटियां प्राथमिक शिक्षा लेने तक के लिए भी स्कूल नहीं पहुंच पाती, वहीं सोमवार को बेटी चंदन कॉलेज सरकारी होते ही कॉलेज में प्रवेश लेने पहुंच गई।
गाडिय़ा लुहारों में अमूमन बेटी की शादी होने के बाद उसका पति के साथ परिवार से अलग संसार बस जाता है। चंदन का पीहर केशवरायपाटन तहसील के गेण्डोली खुर्द गांव व ससुराल नैनवां तहसील के करवर में है। पीहर में रहते हुए इसी वर्ष 74 प्रतिशत अंकों के साथ उसने 12वीं पास की। इसी वर्ष शादी के बाद वह करवर में रहने लगी। शादी होने के बाद भी शिक्षा से जुड़ाव का मन नहीं मरने दिया। चंदन का नैनवां का कॉलेज सरकारी होने की जानकारी मिलते ही आगे की पढ़ाई जारी रखने का निर्णय कर लिया। पति, ससुर व सास के सामने आगे भी पढ़ाई जारी रखने की इच्छा जताई तो वे तैयार हो गए।
पति प्रधान, सास कमला व ससुर शंकरलाल के साथ कॉलेज में प्रवेश लेने पहुंची। चंदन ने बताया कि उसने 12 वीं तक पढ़ाई तीन स्थानों पर रहकर पूरी की। पांचवीं तक गेण्डोली में पढ़ी, आठवीं तक लाखेरी छात्रावास में रहकर पढ़ी। इसके बाद केशवरायपाटन के बालिका सीनियर सैकण्डरी स्कूल से 12वीं पास की।
पालिकाध्यक्ष ने दी फीस की राशि
गाडिय़ा लुहार परिवार की बेटी चंदन के कॉलेज मेें प्रवेश लेने की जानकारी मिली तो नैनवां नगरपालिका की अध्यक्ष मधु कंवर भी कॉलेज पहुंची। चंदन का माला पहनाकर स्वागत किया और प्रथम वर्ष की फीस पालिकाध्यक्ष ने खुद जमा कराई।
सास-ससुर बोले : ‘बहु न पढ़ास्या’
चंदन के ससुर शंकरलाल ने बताया कि मेरे परिवार के किसी ने भी स्कूल का मुंह नहीं देखा। परिवार का पूरा कुनबा अनपढ़ है। जिस बेटे प्रधान से चंदन की शादी हुई वह भी अनपढ़ है। इसकी इच्छा को मरने नहीं देंगे।‘इन्ह खूब पढ़ास्या।’ पति प्रधान ने कहा कि पत्नी को गांव से रोज कॉलेज लाने-ले जाने के लिए बाइक ले आया।