बूंदी

बहा रहे खून पसीना, फिर भी जेब खाली, जानिए क्या हो रहा है इनके साथ

जिला अस्पताल के संविदा कर्मचारियों के साथ चिकित्सा विभाग सौतेला व्यवहार कर रहा है।

बूंदीFeb 17, 2018 / 09:40 pm

Suraksha Rajora

Shedding blood sweat still empty pocket know what is happening with th


बूंदी. जिला अस्पताल के संविदा कर्मचारियों के साथ चिकित्सा विभाग सौतेला व्यवहार कर रहा है। लगातार काम करने के बाद भी उन्हें महीने की पगार तक नहीं मिल रही है। कर्मचारियों को अपने खून पसीने की कमाई के लिए भी तरसना पड़ रहा है। कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर हैं। इसके बाद भी चिकित्सा महकमे के जिम्मेदार अधिकारियों का कर्मचारियों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं है।
चिकित्सा सूत्रों के अनुसार जिला अस्पताल में निशुल्क दवा योजना व जांच योजना में कार्यरत कर्मचारियों को दिसम्बर २०१७ से अभी तक मासिक वेतन नहीं मिला है। दवा योजना में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर, निशुल्क जांच योजना में कार्यरत लेब तकनीशियन, लेब सहायक, हेल्पर व कम्प्यूटर ऑपरेटर को भी ढ़ाई माह से वेतन नहीं मिला है। वहीं आरएमआरएस से नियुक्त कई कर्मचारियों के भी यही हाल हैं। जिला अस्पताल के कम से कम चार दर्जन से अधिक कर्मचारी हैं जो वेतन की आस में बैठे हुए हैं।

इन्हें तो चार माह से नहीं मिला
बीपीएल जीवन रक्षा कोष के तहत दवा वितरण केंद्र पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को बीते चार माह से वेतन नहीं दिया गया है। जबकि ऑपरेटर नियमित रूप से अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। ऑपरेटरों की याचिका पर न्यायालय ने भी अस्पताल प्रशासन को भुगतान करने के आदेश दे रखे हैं। फिर भी इन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है।

परेशान हैं कर्मचारी
जिला अस्पताल में निशुल्क जांच योजना व दवा योजना में बड़ी संख्या में कर्मचारी कार्यरत हैं। इन सभी कर्मचारियों की सेवाएं नियमित अस्पताल में रहती है। ऐसे में लगातार सेवाएं देने के बाद भी मासिक वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी आहत हैं। उनके रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। दैनिक जीवन जीने में उन्हें परेशानी हो रही है।

ट्रेजरी में अटका है
पीएमओ डॉ.नवनीत विजय ने बताया कि ट्रेजरी में भुगतान अटका हुआ है। कुछ कमियां हैं जिन्हें पूरा किया जा रहा है। जल्द ही सभी का भुगतान करवाया जाएगा।
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