बूंदी

कहीं घरों में पड़ा-पड़ा न सड़ जाए लहसुन, कब करोंगे खरीद

लहसुन उत्पादक किसान उपज बेचने के लिए भटक रहा है। खरीद की अंतिम सीमा 12 मई होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है

बूंदीMay 09, 2018 / 12:28 pm

Nagesh Sharma

केशवरायपाटन. लहसुन उत्पादक किसान उपज बेचने के लिए भटक रहा है। खरीद की अंतिम सीमा 12 मई होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। सीमा समाप्त होने में चार दिन शेष रह गए हैं, लेकिन अभी तक खरीद केन्द्रों की कोई व्यवस्था नहीं है। किसानों को आशंका है कि उड़द की तरह कहीं लहसुन भी घरों पर सड़ नहीं जाए।
पांच मई को जिला कलक्टर महेशचंद शर्मा की अध्यक्षता में बंूदी में हुई जिला स्तरीय समन्वयक एवं निगरानी समिति की बैठक में लहसुन कोटा बेचने का निर्णय किया था। किसान उपज लेकर कोटा मंडी में पहुंचे तो वहां यह कह कर लौटा दिया कि हमारे पास बंूदी जिले का लहसुुन खरीदने का कोई आदेश नहीं है। अडीला के किसान श्रीनाथ पोकरा ने बताया कि वह एक ट्रॉली लहसुन लेकर कोटा मंडी गया, जहां उसकी उपज खरीदने से मना कर दिया। लेसरदा के धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि किसान परेशान है और सुनने वाला कोई नहीं है। भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दुलीचंद बोरदा ने कहा कि बंूदी जिले के किसान बुधवार को जिला कलक्टर कार्यालय पर पड़ाव डालेंगे। जिला प्रशासन खरीद केन्द्र शुरू नहीं कर रहा है।
सस्ते दाम पर बेचने की मजबूरी
बंूदी जिले में किसानों ने 8 हजार हैक्टेयर में लहसुन की खेती की है। इसमें केशवरायपाटन सिंचित क्षेत्र में ही 4 हजार हैक्टेयर में लहसुन की बुवाई हुई है। केशवरायपाटन में खरीद केन्द्र की घोषणा की तो किसानों ने टोकन लेना शुरू किया। राजफेड के माध्यम से केशवरायपाटन केन्द्र के लिए 716 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया हैं, लेकिन अभी तक एक भी किसान का लहसुन नहीं खरीदा गया। ऐसे में किसानों को बाजार में लहसुन पांच से दस रुपए प्रति किलो की दर से बेचना पड़ रहा है।
बंूदी जिले का किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। केशवरायपाटन से खाद्य एवं नगारिक आपूर्ति मंत्री बाबूलाल वर्मा सरकार में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे है, फिर भी किसान उपज बेचने के लिए भटक रहे हैं। किसान विरोधी सरकार ने किसानों को बर्बाद कर रख दिया है।
मुरली मीणा, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष केशवरायपाटन
सिंचित क्षेत्र में जब सोयाबीन, गेहूं की फसलें जवाब देने लगी तो किसानों ने विकल्प के तौर पर लहसुन की खेती अपनाई, लेकिन राज्य सरकार व प्रशासन के असहयोग से किसानों को नुकसान हो रहा है।। प्रशासन खरीद के नाम पर किसानों को गुमराह कर रहा है।
अमृतलाल गुर्जर, उप प्रधान पंचायत समिति केशवरायपाटन
किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। केशवरायपाटन में खरीद केन्द्र खोल कर राजफेड ने टोकन जारी कर दिए, लेकिन निविदा प्रक्रिया के नाम पर किसानों को गुमराह करते रहे। 12 मई खरीद की अंतिम सीमा होने तक निविदा प्रक्रिया ही पूर्ण नहीं हो पाई।
सर्वजीत सिंह, किसान पादड़ा
अब बूंदी में होगी खरीद
जिला कलक्टर ने राजफेड़ को बंूदी जिले के किसानों का लहसुन 9 मई से बंूदी की पुरानी मंडी में खरीदने के आदेश दिए है। वहीं खरीद का समय 12 मई से आगे बढ़ाने के लिए भी राजफेड को पत्र लिखा है। अब बंूदी जिले के किसानों के लहसुन की खरीद बंूदी की पुरानी कृषि उपज मंडी में होगी।
घनश्याम बजाज, प्रभारी खरीद केन्द्र केशवरायपाटन
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