जानकारी के अनुसार उपखंड़ क्षेत्र के बसोली, खीण्या, उमर, पगारा क्षेत्र में गत 5 वर्षों में 5 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से राशि खर्च कर नए प्लांटेशन का निर्माण करवाया गया था। बड़ी संख्या में पौधारोपण किया गया। लेकिन वन विभाग की अनदेखी के चलते प्लांटेशन आबाद होने से पहले ही उजडऩे के कगार पर पहुंच गए। प्लांटेशन में जगह- जगह रास्ते बना दिए। पत्थरों से बनाई गई चार दीवारी भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
इस कारण मवेशी पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। खीण्या निवासी उमराव बैरागी, रामकिशन गुर्जर, गोकुल मीणा ने बताया कि वन विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर समितियों के माध्यम से प्लांटेशन बनाए थे। वर्तमान में इनमें खुलेआम मवेशी चर रहे हैं। जिन पर रोक लगा पाना वन विभाग के बस में नहीं है।
नहीं की देखरेख
हिंडोली उपखंड क्षेत्र में वन विभाग ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत वन क्षेत्र में लाखों रुपए खर्च कर नए प्लांटेशन में ट्रेंच सहित अन्य काम कराए थे। इसके साथ ही पौधारोपण करने के लिए गड्ढे किए थे। जिसमें पौधारोपण का कार्य किया गया। लेकिन पौधारोपण के बाद में प्लांटेशन की सुरक्षा व्यवस्था सही तरीके से नहीं होने से पौधे नष्ट होने लगे हैं।
सीएम को लिखा पत्र
बसोली भाजपा मंडल अध्यक्ष भैरव प्रकाश नकलक ने मुख्यमंत्री व वन मंत्री को पत्र लिखकर हिंडोली उपखंड क्षेत्र में अनदेखी के कारण उजड़े प्लांटेशन के मामले में जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि लाखों खर्च होने के बाद भी प्लांटेशन का उजडऩा जांच का विषय है। उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।