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45 हजार की नौकरी छोड़ बना किसान, यूट्यूब से सीख शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती, मिल रही है अच्छी कमाई

locationबूंदीPublished: Nov 24, 2019 05:35:47 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

आजकल की पीढ़ी फिर से गांवों की ओर रुख कर रही है और खेती के तरीकों में बड़े बदलावों की भूमिका तैयार कर रही है। कुछ ऐसी ही कहानी है बूंदी जिले के जजावर कस्बे के मुकेश नागर की

45 हजार की नौकरी छोड़ बना किसान, यूट्यूब से सीख शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती, मिल रही है अच्छी कमाई
संजय बैरागी की रिपोर्ट
जजावर(बूंदी)। आजकल की पीढ़ी फिर से गांवों की ओर रुख कर रही है और खेती के तरीकों में बड़े बदलावों की भूमिका तैयार कर रही है। कुछ ऐसी ही कहानी है बूंदी जिले के जजावर कस्बे के मुकेश नागर की, जो एमएससी एग्रोनोमी करने के बाद अब अपनी पुश्तैनी जमीर पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। दिलचस्प बात है कि उन्होंने यूट्यूब से खेती के नुस्खे सीखे। मुकेश अपनी पुस्तैनी जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 45 हजार प्रतिमाह मिलने के साथ ही अच्छा काम मिलने के बाद भी दीपक अपने पुराने दिनों के सुकून की कमी महसूस कर रहे थे, जो उन्हें अपने खेतों में घूमने के दौरान मिलता था। मुकेश ने पाया कि किसान सालों पुराने तरीकों से ही खेती कर रहे हैं और साल दर साल एक ही फसल लगा रहे हैं। इस वजह से ही किसानों को पर्याप्त मुनाफा भी नहीं मिल रहा है।
यूट्यूब व इंटरनेट से सीखी खेती
ऐसी प्रतिक्रिया के बाद मुकेश ने तय किया कि वह अब अपने आप ही चीजें सीखेंगे। दीपक ने इंटरनेट और यूट्यूब के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती के संबंध में नोट्स बनाना शुरू किया। उन्होंने नियमित तौर पर कृषि-विशेषज्ञों से सलाह लेना शुरू किया और स्ट्रॉबेरी की खेती से जुड़ी हर बारीकी को समझा।
जब उन्हें अपने ऊपर यकीन हो गया कि अब वह इस काम को करने के लिए तैयार हैं, वह अक्टूबर, 2019 में अपने गांव चले गए और सिर्फ आधी एकड़ जमीन पर उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की। सिर्फ दो महीनों में उन्होंने स्ट्रॉबेरी की फसल खड़ी कर ली।
तकनीक का भी बखूबी इस्तेमाल
मुकेश ने अपने खेत में ड्रिप सिंचाई का सिस्टम लगवाया। मुकेश मानते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती करने वालों को इस तरह की ही सिंचाई का इस्तेमाल करना चाहिए। सिंचाई के बाद मुकेश ने मल्किंग जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया।
इस तरह किया रोपण
मुकेश ने केएफ बायोप्लान्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (पुणे) से पौधे खरीदे। मुकेश को दस रुपए की दर से पौधे मिले। शुरूआत में मुकेश ने 10,000 पौधे खरीदे और उन्हें आधी एकड़ जमीन पर रोपित किया। मुकेश बताते हैं कि 1 एकड़ में 24,000 तक पौधे तक लगा सकते हैं।
मुकेश ने अधिकतम संभावित दूरी पर पौधे लगाए। मुकेश ने सुझाव दिया कि दो पंक्तियों के बीच की दूरी शुरूआत में 10-12 इंच तक होनी चाहिए। हालांकि, मुकेश ने यह दूरी 30 सेमी तक रखी।
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