इस बार एनएसयूआई अपना पूरा पैनल तैयार करने में नाकाम रही। केवल अध्यक्ष और महासचिव के लिए एनएसयूआई चुनाव मैदान में ताल ठोकी है। तीनों ही बड़े संगठन चुनाव में पूरे दमखम के साथ दिखाई दे रहें इसके लिए प्रचार-प्रसार भी पूरे जोश के साथ किया जा रहा है।
छात्रनेता एक एक प्रत्याशी तक पहुंचने के लिए इस बार सोशल मिडिया का जमकर सहारा ले रहे है। जहां सेध की आशंका हुई वहां प्रत्याशी खुद मतदाताओं के दरवाजे पर जा पहुंचे। वोट हासिल करने के लिए मनुहार की, भरोसा दिलाया और आश्वासन तक दिए। वही वोट लेने के लिए छात्र नेता कोई कोर कसर नही छोड रहें। है। मतदाताओं को खुश करने के लिए पार्टी का भी सहारा लिया जा रहा है।
लग्जरी गाडिय़ों ओर दावतो के साथ मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ ऐसे ही नजारे इन दिनों महाविद्यालय परिसर ओर बाहर नजर आ रहें है। पिछले शैक्षणिक सत्र में राजकीय महाविद्यालय में छात्र चुनाव को लेकर दावेदारों के बीच कड़ी टक्कर हुई।
छात्र राजनीति भुलाकर ये छोटे नेता जातिवाद को लेकर भी मैदान में नजर आए ओर इस बार भी यही देखने को मिल रहा है, ेऐसे में प्रचार प्रसार के लिए भी ***** दोह कमेटी की सिफारिशों को दखल अंदाज कर ये छात्र नेता जीत के लिए पैसा बहाने को तैयार है।
अनुशासन में हो चुनाव-
कॉलेज प्रशासन की कोशिश है कि इस बार चुनाव कॉलेज केम्पस तक ही समिति हो। समिति ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का कड़ाई से पालन करने के लिए समिति सदस्यों को निर्देश भी दिए है।
इसके लिए बुधवार को छात्रसंघ चुनाव के दावेदार प्रत्याशियों की बैठक भी की गई। जिसमें मुख्य निर्वाचन आयोग एन.के जेतवाल ने छात्र संघ चुनाव की सुचिता कायम करने के लिए निर्देशित किया । मतदान की पूरी जानकारी और व्यवस्थाओं को लेकर प्रत्याशियों को अवगत करवाया।
नियमों की पालना में नही दिखाई रूचि-
छात्र संघ चुनाव की पालना व मतदान की प्रक्रिया को लेकर आयोजित बैठक में प्रत्योशियों ने कोई रूचि नही दिखाई। दोपहर एक बजे शुरू होने वाली बैठक में कुर्सिया खाली ही नजर आई और प्रत्याशी बाहर कैम्पस में तो कोई मतदाताओं के घरो में प्रचार करते रहे।
कॉलेज प्रशासन के बार बार फोन करने के बाद प्रत्याशी मिटिंग में पहुचे लेकिन एनएसयूआई के प्रत्याशी नजर नही आए। छात्र नेताओं का कहना था कि मिटिंग में टाइम खराब करने से बेहतर है मतदाताओं तक पहुंचना।